कई जिंदगी लील ली… कालाबाजारियों ने…
इन्दौर। गुजरात पुलिस ने सूरत में नकली रेमडेसिविर इंजेक्शन बनाने की जिस फैक्ट्री का पर्दाफाश किया है वह कौशल वोहरा की है, जो उसने फार्म हाउस पर बना रखी थी और यहीं पर नकली इंजेक्शन बनाने का गोरखधंधा चल रहा था। पुलिस ने इस मामले में सुनील मिश्रा को भी गिरफ्तार किया है, जो व्यापार के सिलसिले में गुजरात जाता था इजेक्शन लेकर आता और ह वाला से रुपए पहुंचाता था।
दरअसल रेमडेसिविर बेचने के मामले में पूर्व में पकड़ाए दो आरोपियों को यदि पुलिस छोड़ देती तो इतना बड़ा रैकेट हाथ नहीं लगता। विजय नगर पुलिस ने पिछले दिनों धीरज और दिनेश को इंजेक्शन बेचते पकड़ा था, दिनेश से पूछताछ के आधार पर सुनील कौशल के नम आए। पूछताछ के दौरान उसने बताया कि जबलपुर में 200, देवास में 100 तथा इन्दौर में 1200 नकली रेमडेसिविर इंजेक्शन बेचना स्वीकार किया है।
हर बड़े कांड से जुड़ जाते हैं इंदौर के तार
पिछले कई सालों से देखने में आ रहा है कि देश में होने वाले कई बड़े कांड में इंदौर का नाम आ जाता है। इस बार फिर गुजरात में नकली रेमडेसिविर इंजेक्शन की फैक्ट्री पकड़ाने के बाद इंदौर के एक व्यक्ति के तार जुड़ गए और गुजरात पुलिस उसे पकडक़र ले गई। । कुछ दिन पहले मुंबई में फिल्म स्टार को एमडी ड्रग्स मुहैया कराने में भी इंदौर से सबसे बड़ी खेप पकड़ी गई थी। बीते दिनों मुंबई में ड्रग्स मामले में हुई कार्रवाई के तार भी इंदौर से जुड़े हुए थे।
17-17 हजार में बेच रहे थे रेमडेसिविर, 3 धराए…
सांवेर पुलिस ने रेमडेसिविर की कालाबाजारी करने वाले तीन युवकों को ग्राहक बनकर फोन लगाया। 17 हजार में इंजेक्शन देना तय हुआ। इसके बाद पुलिस ने तीनों को खंडेलवाल तिराहे पर इंजेक्शन देने बुलाया और दबोच लिया। पकड़ाए आरोपियों के नाम टीपू खान निवासी विजय नगर इंदौर, शाहरुख निवासी कजलाना गांव और जफर खान निवासी सांवेर हैं। आरोपियों से पूछताछ की जा रही है कि अभी तक कितने इंजेक्शन बेचे। जफर मेडिकल की दुकान पर काम करता
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