इंदौर। आए दिन आपदा प्रबंधन के चलते होटल, अस्पताल, शॉपिंग मॉल, एयरपोर्ट या ऐसे अन्य स्थानों पर मॉकड्रिल की जाती है, जिसमें नकली आग बुझाने को बुझाने का उपक्रम किया जाता है। साथ ही स्टाफ से लेकर अन्य लोगों को आग से बचाव का प्रशिक्षण भी देते हैं। कल जिस वक्त एबी रोड स्थित इंडस्ट्री हाउस में भीषण आग लगी, उसी वक्त आरएनटी मार्ग स्थित शॉपिंग मॉल में नकली आग बुझाने की रिहर्सल यानी मॉकड्रिल की जा रही थी, लेकिन असली आग बुझाने में पसीने छूट गए। जैसे-तेसे बिल्डिंग में फंसे लोगों को बचाया गया और एक बार फिर ऊंची इमारतों में कारगर आगजनी के उपायों की पोलपट्टी भी खुल गई।
यह पहला मौका नहीं है जब इस तरह की आगजनी की घटना हुई हो। आए दिन फैक्ट्रियों से लेकर रहवासी, व्यवसायिक इमारतों में आग लगती है। अभी पिछले दिनों ही एक मकान में लगी आग से भी महिला की मौत हो गई थी, तो कल इंडस्ट्री हाउस में लगी आग से अफरा-तफरी मच गई। 50 से अधिक लोग लगभग एक घंटे तक बिल्डिंग में संघर्ष करते रहे और जैसे-तेसे इन्हें कर्मचारियों, गार्ड और अन्य लोगों ने बचाया। इस 9 मंजिला बिल्डिंग में भी अग्रिशमन से संबधित उपकरण मौके पर काम नहीं आए और फायर ब्रिगेड की गाडिय़ों ने पहुंचकर आग बुझाई। खुद एसपी फायर शशिकांत कनकने तो मौजूद रहे ही, वहीं कलेक्टर आशीष सिंह सहित अन्य अधिकारी भी पहुंचे। मजे की बात यह है कि कल ही आरएनटी मार्ग स्थित शॉपिंग मॉल में मॉकड्रिल का आयोजन फायर ब्रिगेड द्वारा ही किया गया, जिसमें आग लगने पर कैसे बचना और बचाना है उसका भी प्रशिक्षण दिया गया और डेमो सीन क्रिएट कर पानी की बौछार करने से लेकर अन्य उपाय भी किए गए। वहीं दूसरी तरफ इंडस्ट्री हाउस में असली आग लग गई।
एयरपोर्ट से भी आग बुझाने की एक गाड़ी बुलाई गई। रोजर फायर पेंथर मशीन से भी कल तेज गति से पानी आग बुझाने के लिए फेंका गया। हालांकि बीते कई सालों से बहुमंजिला इमारतों के लिए हाइड्रोलिक टर्न टेबल वाहन खरीदने की कवायद चल रही है और यहां तक कि बहुमंजिला इमारतों को जो अनुमति दी गई उसके बिल्डरों से भी 5 करोड़ रुपए से अधिक की राशि जमा कराई। बावजूद इसके यह वाहन आज तक नहीं खरीदा जा सका। हालांकि अब तो इस वाहन की कीमत भी 3 से 4 गुना बढ़ गई है। फायर ब्रिगेड के पास जो वाहन हैं वह निर्धारित ऊंचाई तक ही आग बुझाने में सक्षम हैं। जबकि अब इंदौर में 15 से लेकर 25-30 मंजिला इमारतें बनने लगी हैं, जिसके चलते अत्याधुनिक हाईड्रोलिक वाहन की कमी है। सालों पहले फायर ब्रिगेड ने जो हाईड्रोलिक वाहन खरीदा था वह मात्र 15 मीटर तक ऊंचाई के लिए ही कारगर था। मगर वह भी पड़े-पड़े कबाड़ हो गया। इस आगजनी के बाद निगम का कहना है कि मुंबई जाकर उसकी टीम ने वाहन का निरीक्षण कर लिया है और जल्द ही टेंडर जारी कर यह वाहन खरीद लिया जाएगा।
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