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    फर्जी गिरफ्तारी वारंट, ED की फेक रसीद और मनी लांड्रिंग केस में फंसाने की धमकी; व्यवसायी से ठग लिए 90 लाख रुपये

  • July 28, 2024

    मुजफ्फरपुर: बिहार के मुजफ्फरपुर में साइबर फ्रॉड का बड़ा मामला सामने आया है. सुप्रीम कोर्ट का फर्जी गिरफ्तारी वारंट दिखाकर करीब 90 लाख की साइबर ठगी की गई है. अहियापुर के दिनेश कुमार को मुंबई के नरेश गोयल मनि लांड्रिंग केस में फसाने का झांसा देकर साइबर ठग ने 90 लाख रुपये की ठगी कर ली. दिनेश ने साइबर थाने में एफआई दर्ज कराई है. साइबर फ्रॉड ने खुद को ट्राई का अधिकारी बताया और दिनेश को मनी लांड्रिंग में फंस जाने का डर दिखाकर इतनी बड़ी रकम में ठगी कर लिया.

    साइबर अपराधियों ने सुप्रीम कोर्ट का फर्जी अरेस्ट वारंट भेजकर उन्हें डराया और इसके बाद उनसे अलग-अलग खाते में यह पैसे ट्रांसफर करवा लिए. दिनेश ने बताया कि वो अपने मित्र के घर पर गए थे. वहां एक नबर से फोन आया. इसमें सूचना दी गई की उनके नंबर की सेवा समाप्त हो रही है. ग्राहक सेवा अधिकारी से बात करने के लिए नौ दबाने के लिए कहा, नौ दबाते ही फोन एक व्यक्ति ने उठाया. उसने अपने आप को ट्राई का अधिकारी बताया और बोला दो घंटे बाद उनका नंबर बंद कर दिया जायेगा.

    उनके आधार नंबर से दूसरा सिम जारी होने की बात कही. उस सिम से अवैध मैसेज भेजा जा रहा है..उसके खिलाफ इसको लेकर मुंबई के तिलक नगर थाने में एफआईआर दर्ज होने की बात कही. बातचीत के क्रम में ही उसे झांसा में लेकर कॉल को दूसरे नंबर पर ट्रांसफर कर दिया. इसके बाद उनके व्हाट्स ऐप पर एक वीडियो कॉल आया और पुलिस की वर्दी पहने एक व्यक्ति तिलक नगर थाने का पदाधिकारी बताकर उनका बयान दर्ज किया. उसने कहा कि आधार कार्ड पर केनरा बैंक में खाता खोला गया है, उस बैंक खाता का इस्तेमाल किसी नरेश गोयल मनी लॉन्ड्रिंग केस के लिए किया गया है.


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    इसी केस में दिनेश कुमार नाम से सुप्रीम कोर्ट से अरेस्ट वारंट जारी हुआ है. उन्हें तिलक नगर थाने में उपस्थित होने को कहा गया. शॉर्ट नोटिस पर जब मुंबई आने की असमर्थता जताई तो कहा की ट्रांजेक्शन उनके केनरा बैंक के खाते से हुआ है. उसका सत्यापन करवाना होगा. इसके लिए एक लिंक भेजा गया. इसपर क्लिक करते ही उन्हें एक पीडीएफ मिला. इसके अलावा नरेश गोयल मनी लॉन्ड्रिंग केस से संबंधित एक डॉक्यूमेंट्स भी भेजा गया.

    कानूनी कार्रवाई और अरेस्ट वारंट का डर दिखाकर 247 बैंक खातों की सूची भेजी. इसके बाद कई बैंक खातों में 89 लाख 90 हजार रुपये ट्रांसफर करवा लिए. हर ट्रांजेक्शन के बाद उसे साइबर ठग ईडी विभाग का नंबर भी भेजा. जब पैसे लेने के बाद उनसे संपर्क नहीं हुआ तो उन्हें पता चला कि उनके साथ ठगी की गई है. साइबर थानाध्यक्ष सह डीएसपी सीमा देवी ने बताया कि केस दर्ज कर इसकी जांच की जा रही है. मामले में सिटी एसपी अवधेश दीक्षित ने बताया कि 90 लाख के फ्रॉड का मामला है. कांड को गंभीरता से देखते हुए एफआइआर दर्ज कर ली गई है.डीएसपी साइबर क्राइम सीमा देवी जांच कर रही है.

    वहीं कारोबारी दिनेश कुमार ने पुलिस को बताया कि बदमाशों ने उसे ईडी सेवी,सीबीआई और मुंबई क्राइम ब्रांच का खौफ दिखाया. चार बार में 89.90 लाख रुपए मंगवाया गया. हर पेमेंट पर उन्हें ईडी विभाग की रसीद दी जाती थी. उनसे विभिन्न बैंक खातों में रुपए मंगवाए गए इस ठगी से उन्हें बड़ा लॉस हुआ है. वहीं इतनी बड़ी राशि की ठगी का शिकार हुए व्यवसाई का परिवार सदमे में है.

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