डेस्क। Google Play Store और Apple App Store पर ढेरों ऐप्स मौजूद हैं. इनमें से अधिकांश ऐप्स ऐसे भी हैं जिनमें मैलवेयर प्रोग्राम या वायरस मौजूद हैं. हालांकि Apple के ऐप इकोसिस्टम को स्ट्रिक्ट ‘डेवलपर्स’ वेरीफिकेशन प्रोसेस के कारण सुरक्षित माना जाता है, लेकिन इसमें अभी भी नकली ऐप मौजूद हैं.
मोबाइल यूजर्स की संख्या बढ़ने के साथ ही बदमाशों ने लोगों को बरगलाने के लिए इन प्लेटफॉर्म्स को आसान जरिया बना लिया है. यह मुद्दा हाल ही में हुए फर्जी इंवेस्टमेंट ऐप घोटाले के साथ और भी सीरियस हो गया है. इस घोटाले में 5 लाख से अधिक भारतीयों से 150 करोड़ से अधिक रुपए ठगे गए थे. रिपोर्ट्स के अनुसार, कई फाइनेंस इंवेस्टमेंट प्लान्स को आगे बढ़ाया गया, जिससे लोगों को आश्वासन मिला कि वे अपने द्वारा निवेश किए गए पैसों पर हाई रिटर्न प्राप्त करेंगे. साइबर सेल से जुड़ी दिल्ली पुलिस ने सिंडिकेट चलाने का पता लगाने में कामयाबी हासिल की और खुलासा किया कि ये मैलेशियस ऐप चीनी नागरिकों द्वारा धोखाधड़ी के लिए मल्टीलेवल मार्केटिंग (एमएलएम) मॉडल का उपयोग करके चलाए गए थे.
साइबर क्राइम सेल (CyPAD) के पुलिस उपायुक्त अन्येश रॉय ने (ANI रिपोर्ट के माध्यम से) बताया कि इनमें से कुछ ऐप Google Play Store पर लिस्टेड थे. लोगों से बेतरतीब ढंग से संपर्क करने और डिटेल प्राप्त करने के लिए क्रॉस-मैसेजिंग प्लेटफॉर्म को मेन सोर्स के रूप में लिया गया था. शुक्र है कि फर्जी ऐप ऑनलाइन घोटाले में शामिल साइबर अपराधियों को गिरफ्तार कर लिया गया है. लेकिन सवाल यह उठता है कि क्या टेक दिग्गजों द्वारा प्रदान की जाने वाली सुरक्षा सेवाओं पर भरोसा किया जाना चाहिए ?
नकली ऐप वैलिड ऐप्स की नकल करते हैं, ऐसे में उन्हें अलग करना मुश्किल हो जाता है. लेकिन इस तरह के मैलेशियस अटैक के शिकार होने से खुद को बचाने के लिए, आप कुछ आसान तरीकों का पालन कर सकते हैं जो आईओएस और एंड्रॉइड प्लेटफॉर्म पर नकली ऐप की पहचान करने में आपकी मदद कर सकते हैं. जानिए आप क्या कर सकते हैं.
Google Play Store और Apple App Store पर नकली ऐप्स की पहचान कैसे करें…
©2024 Agnibaan , All Rights Reserved