भोपाल। बरसों बाद पांचवीं-आठवीं कक्षा की बोर्ड परीक्षा आयोजित की जा रही है। राज्य शिक्षा केंद्र ने परीक्षा से लेकर मूल्यांकन कार्य और परिणाम से जुड़े नियमों में बदलाव किया है। केंद्र ने इस बार रिजल्ट के बाद होने वाली पुनर्मूल्यांकन की व्यवस्था नहीं रखी है। ऐसे में उन विद्यार्थियों के लिए थोड़ी मुश्किलें खड़ी हो सकती है, जो एक या दो नंबर से किसी विषय में रुक सकते हैं। वैसे केंद्र ने छात्र-छात्राओं के सामने अपनी उत्तरपुस्तिका देने की सुविधा रखी है। मगर इसके लिए प्रक्रिया थोड़ी जटिल है। फिलहाल केंद्र कुछ नियमों में संशोधन करने का विचार कर रहा है। पांचवीं-आठवीं की बोर्ड परीक्षा शुरू हो चुकी है, जो 3 अप्रैल तक चलेगी। एक दशक से अधिक वर्षों बाद बोर्ड परीक्षा रखी गई है। प्रदेशभर में 24 लाख छात्र-छात्राएं परीक्षा में शामिल हो रहे हैं। अकेले इंदौर जिले में 97 हजार विद्यार्थी हैं। हड़बड़ी में करवाई जा रही बोर्ड परीक्षा में व्यवस्थाएं बेपटरी हो चुकी हैं। परीक्षा के प्रवेश पत्र में ढेरों गलतियां सामने आई। इसके बाद परीक्षा केंद्रों के आवंटन में गड़बड़ी हुई।
10 अप्रैल से शुरू होगा मूल्यांकन कार्य
सैकड़ों विद्यार्थियों के लिए ऐसे परीक्षा केंद्र बनाए हैं, जो पांच से सात किमी दूर हैं। यहां पहुंचने में विद्यार्थियों को काफी दिक्कतें हो रही है। कुछ स्कूलों ने विद्यार्थियों के लिए बस सेवा रखी है। इन सबके बीच केंद्र ने परीक्षा के बाद तुरंत मूल्यांकन शुरू करने पर जोर दिया है। 10 अप्रैल से विद्यार्थियों की कापी जांचने का काम शुरू होगा, जो 20 दिन में पूरा किया जाना है। मई में रिजल्ट जारी होगा।
कापियां देखने के लिए देना होगा आवेदन
अनुत्तीर्ण विद्यार्थियों के सामने पुनर्मूल्यांकन करवाने का प्रविधान नहीं रखा है, लेकिन पारदर्शिता के लिए परीक्षार्थियों को यह सुविधा दी है कि अगर वे चाहे तो उत्तरपुस्तिका का अवलोकन कर सकेंगे। यह व्यवस्था परीक्षा परिणाम आने के एक महीने के भीतर विद्यार्थियों को करना होगी। इसके लिए मूल्यांकन केंद्र प्रभारी को आवेदन करना होगा। उसके आधार पर परीक्षार्थियों को उत्तरपुस्तिका देखने के लिए समय और तारीख मिलेगी।
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