मुंबई। मुंबई के पूर्व पुलिस कमिश्नर परमबीर सिंह की चिट्ठी को लेकर महाराष्ट्र की राजनीति में बवाल मचा है। परमबीर सिंह की चिट्ठी में राज्य के गृहमंत्री अनिल देशमुख (Anil Deshmukh) पर भ्रष्टाचार और वसूली के जो गंभीर आरोप लगे हैं, उस पर एनसीपी प्रमुख शरद पवार (Sharad Pawar) ने सरकार का पक्ष रखा। अब पूर्व मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस (Devendra Fadnavis) ने देशमुख को लेकर बड़ा खुलासा किया है।
देवेंद्र फडणवीस ने मंगलवार को प्रेस कॉन्फ्रेंस कर कहा कि देवेंद्र फडणवीस ने कहा- ‘अनिल देशमुख होम क्वॉरंटीन में नहीं थे। एनसीपी चीफ शरद पवार को गलत जानकारी दी गई। पुलिस विभाग के रिकॉर्ड के मुताबिक 17 फरवरी को देशमुख का शेड्यूल 3 बजे सहयाद्री गेस्ट हाउस में रहने का था।’
फडणवीस ने कहा कि अनिल देशमुख क्वॉरंटीन में नहीं थे, वो लोगों से मुलाकात कर रहे हैं। फडणवीस ने कहा कि उनके पास एक चिट्ठी है, जिसे लेकर वो जल्द ही दिल्ली में केंद्रीय गृह सचिव से मुलाकात करेंगे। पूर्व सीएम ने कहा कि वो दिल्ली में केंद्रीय सचिव से अपील करेंगे कि ट्रांसफर रैकेट की जांच सीबीआई से करवाई जाय।
उन्होंने कहा कि देशमुख को लेकर शरद पवार की बातें हैरान करने वाली हैं। उनके दावे झूठे हैं। जब तक अनिल देशमुख का इस्तीफा और इस पूरे मामले की जांच नहीं होती, तब तक बीजेपी का आंदोलन इसी तरह से जारी रहेगा। फडणवीस ने कहा कि सचिन वाजे को लेकर रोजाना नए खुलासे हो रहे हैं।
देवेंद्र फडणवीस ने दावा किया, ‘राज्य में ट्रांसफर-पोस्टिंग का एक रैकेट चल रहा है। मेरे सीएम रहते ये बात सामने आई थी। तब हमारी सरकार ने उसपर कड़ा एक्शन लिया था।’ पूर्व सीएम का दावा है कि उनके पास फोन रिकॉर्डिंग है। इससे साफ होता है कि रैकेट की कई जानकारियां मौजूदा सीएम उद्धव ठाकरे के पास भी थीं।
100 करोड़ की वसूली के आरोप पर एनसीपी चीफ शरद पवार ने सोमवार को अनिल देशमुख का बचाव करते हुए कहा था कि वह कोरोना पॉजिटिव होने के बाद 6 से 27 फरवरी तक नागपुर में ही थे। लेकिन, पवार के दावे पर सवालिया निशान लगाने वाला एक फ्लाइट टिकट वायरल हो रहा है। इसमें दावा किया जा रहा है कि देशमुख 7 अन्य लोगों के साथ एक प्राइवेट जेट में 15 तारीख को नागपुर से मुंबई गए थे। ऐसे में बीजेपी का कहना है कि अगर ये टिकट सही है, तो देशमुख को लेकर परमबीर सिंह का दावा भी सही है।
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