मुंबई । महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव (maharashtra assembly election)के बीच प्रदेश की राजनीति (State politics)में एक फाइल की चर्चा खूब हो रही है। उपमुख्यमंत्री अजित पवार (Deputy Chief Minister Ajit Pawar)ने आरोप लगाया था कि तत्कालीन मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने उन्हें 70,000 करोड़ रुपये के सिंचाई घोटाले की खुली जांच के लिए पूर्व गृह मंत्री दिवंगत आरआर पाटिल के द्वारा जांच की मंजूरी दी गई फाइलें दिखाई थीं। उनके आरोप पर शरद पवार कैंप की तरफ से हमला बोला जा रहा है।
एनसीपी (शरद चंद्र पवार) के प्रदेश अध्यक्ष जयंत पाटिल ने फडणवीस पर अजित पवार को ब्लैकमेल करने का आरोप लगाया। उन्होंने कहा कि अजित पवार के बयान से पता चलता है कि अविभाजित एनसीपी में अंदरूनी कलह को बढ़ावा देने के प्रयास तभी से चल रहे थे।
एक मीडिया चैनल को दिए इंटरव्यू में पाटिल ने कहा, “फडणवीस ने विपक्ष में रहते हुए अजित पवार पर आरोप लगाया। सत्ता में आने के बाद उनकी जांच की और उन्हें आरआर पाटिल पर आरोप लगाने वाली फाइल दिखाई। इसका मतलब है कि तब से हमारी पार्टी में अंदरूनी कलह को बढ़ावा देने के प्रयास चल रहे थे। फाइल दिखाकर अजित पवार को दस साल तक ब्लैकमेल किया गया। इससे पता चलता है कि वे बार-बार भाजपा में क्यों जाना चाहते थे।” पाटिल ने कहा कि अजित पवार के बयान ने देवेंद्र फडणवीस की कार्यशैली को उजागर करके उन्हें और बड़ी मुसीबत में डाल दिया है।
उन्होंने कहा, “मुझे लगता है कि अजित पवार खुद इस वजह से घिरे हुए हैं। लेकिन उन्होंने देवेंद्र फडणवीस को और भी बड़ी मुसीबत में डाल दिया है। इसने फडणवीस की कार्यशैली के साथ-साथ पिछले दस सालों में दोनों के रिश्तों को भी उजागर कर दिया है। अगर उन्होंने विपक्ष के नेता को फाइल दिखाई होती तो मैं समझ सकता था। लेकिन अजित पवार केवल एक विपक्षी विधायक थे।”
29 अक्टूबर को सांगली जिले की तासगांव विधानसभा सीट पर एक चुनावी रैली को संबोधित करते हुए अजित पवार ने कहा कि 2014 के विधानसभा चुनावों में भाजपा की जीत के बाद फडणवीस ने उन्हें आरआर पाटिल के हस्ताक्षरित वाली एक फाइल दिखाई। जिसमें मेरे खिलाफ खुली जांच की सिफारिश की गई थी।
जयंत पाटिल कहा, “एक ऐसे व्यक्ति के खिलाफ बात करना जो अब खुद का बचाव नहीं कर सकता बहुत गलत है। वह हमारे साथ न आने के लिए हमारी आलोचना कर सकते हैं, लेकिन आरआर पाटिल उस समय जीवित नहीं थे जब पार्टी विभाजित हुई थी। वह उनका नाम कैसे घसीट सकते हैं? नौ साल बाद क्यों?”
पाटिल ने कहा, “यह दिखाता है कि अजित पवार किसी भी व्यक्ति के बारे में कुछ भी बोल सकते हैं, भले ही कोई उनके साथ इतने सालों से काम कर रहा हो।”
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