मुम्बई। अभिनेत्री ऐश्वर्या राय बच्चन (Aishwarya Rai Bachchan) 2016 के ‘पनामा पेपर्स लीक’ (Panama Papers Leak) से जुड़े एक मामले में पूछताछ के लिए सोमवार को यहां प्रवर्तन निदेशालय (ED) के समक्ष पेश हुईं । ईडी द्वारा अभिनेता अमिताभ बच्चन (Amitabh Bachchan) की 48 वर्षीय पुत्रवधू से विदेशी मुद्रा प्रबंधन अधिनियम (FEMA) के प्रावधानों के तहत करीब 5 घंटे से ज्यादा वक्त तक पूछताछ हुई। इस मामले का पता पहली बार कब चला साल 2016, जब ब्रिटेन की मोसेक फोंसेका फर्म के कुछ दस्तावेज लीक हुए, जो कि टैक्स चोरी से जुड़े थे। इन दस्तावेजों में दुनिया के कई प्रभावशाली लोगों के अलावा करीब 500 भारतीयों के नाम भी शामिल थे जिन्होंने ब्लैकमनी के जरिये करोड़ों रुपए के टैक्स की चोरी की थी। और तभी इस मामले में बच्चन परिवार का नाम भी सामने आया था। इन दस्तावेजों के मुताबिक,
2016 में बच्चन परिवार की 4 शेल कंपनियों के बारे में पता चला
इनमें से 3 कंपनी बहामास में स्थित है जबकि एक वर्जिन आइलैंड में
सभी कंपनियों की पूंजी 5 हजार अमेरिकी डॉलर से लेकर 50 हजार अमेरिकी डॉलर तक दिखाई गई
कागजों में कपंनी शिपिंग में डील करती थी
जबकि एक शिप की कीमत करोड़ो रूपये में है
साल 2016 में पनामा की लॉ फर्म मोसेक फोंसेका के 1.15 करोड़ टैक्स डॉक्यूमेंट लीक हुए थे, जिसके बाद ऑफ-शोर कंपनियों में निवेश का खुलासा हुआ था इसमें व्लादिमीर पुतिन, नवाज शरीफ, शी जिनपिंग जैसे लोगों के नाम हैं। आरोप है कि इन प्रभावशाली लोगों ने दौलत टैक्स हैवन वाले देशों में जमा की और करीब 500 भारतीयों में बच्चन परिवार के अलावा DLF के प्रमोटर के पी सिंह का नाम लिस्ट में शामिल है। पनामा पेपर्स में इंडियाबुल्स के समीर गहलोत का नाम भी है। गौतम अडाणी के बड़े भाई विनोद अडाणी का नाम शामिल है। अंडरवर्ल्ड सरगना इकबाल मिर्ची का नाम लिस्ट में है और इन लोगों शैडो कंपनियां, ट्रस्ट और कॉर्पोरेशंस बनाकर टैक्स बचाने का आरोप है।
©2024 Agnibaan , All Rights Reserved