उज्जैन। बुधवार को संभागायुक्त ने पूरे संभाग के अधिकारियों की वीसी के जरिये बैठक ली। संभागीय सड़क सुरक्षा समिति की इस बैठक में संभागायुक्त ने कहा कि दुर्घटनाओं को रोकने के कारगर प्रयास किए जाएँ। इसके लिए यात्री बस चालकों की आंखों की जाँच के लिए शिविर लगाए जाएं। दुर्घटना संभावित ब्लैक स्पाटों को चिह्नित किया जाए और जहां आवश्यकता हो वहाँ स्पीड ब्रेकर बनाए जाएं। संभागायुक्त संदीप यादव ने बीते दिन वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से संभागीय सड़क सुरक्षा समिति की बैठक ली। बैठक में संभाग के सभी जिलों के कलेक्टर को निर्देश दिये कि वे अपने-अपने यहां शेष बचे ब्लेक स्पॉट पर सांकेतिक चिन्ह का बोर्ड लगायें एवं स्पीड ब्रेकर लगायें। इस कार्य को प्राथमिकता से करें, ताकि संभावित सड़क दुर्घटनाओं को रोका जा सके। संभागायुक्त ने सभी जिलों से कहा कि वे अपने-अपने जिले में यात्री बस चालक-परिचालकों के नेत्र परीक्षण हेतु शिविर लगाएं। शिविर में यदि चालकों के नेत्रों में कोई खराबी पाई जाती है, तो उन्हें चश्मा मुहैया कराया जाये और यदि कोई चालक चश्मा लगाकर भी कार्य करने में असुविधा महसूस कर रहा है तो उसका लायसेंस रद्द किया जाये। संभागायुक्त ने कहा कि कुछ चालकों को रात्रि में वाहन चलाने में कठिनाई होती है। ऐसे वाहन चालकों के नेत्रों का भी परीक्षण किया जाये। उन्होंने सीपीआर की ट्रेनिंग बस चालकों को देने के निर्देश दिये।
सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्रालय द्वारा जारी निर्देशों के अनुसार चारपहिया वाहनों में बैठे यात्रियों को सीट बेल्ट लगाने के लिये जागरूक किया जाए। कुछ जिलों में बस, ऑटो, मैजिक वाहन चालक स्कूली बच्चों को लाने-ले जाने की जिम्मेदारी नहीं लेते हैं। ऐसे में पालक अपनी सुविधा से स्वयं ही ऑटो या मैजिक बुक कर लेते हैं। ऐसी स्थिति में स्कूल प्रबंधन को यह सुनिश्चित करना होगा कि वह ऑटो और मैजिक वाहन सुरक्षित तरीके से बच्चों को स्कूल के अन्दर तक छोड़े। संभागायुक्त ने बताया कि सड़क दुर्घटना में घायल व्यक्ति को अस्पताल पहुंचाने वाले व्यक्तियों के लिये गुड ऐमिरिटन योजना संचालित है। इसके तहत अस्पताल पहुंचाने वाले व्यक्तियों को पांच हजार रुपये की पुरस्कार राशि दी जाती है। टोल नाकों पर एम्बुलेंस को अनावश्यक रूप से रोकने पर नाराजगी व्यक्त की और निर्देश दिये कि टोल नाकों पर एम्बुलेंस को अनावश्यक विलम्ब न करना पड़े। सबसे पहले एम्बुलेंस को रास्ता दिया जाये। उन्होंने इन्दौर रोड के टोल नाके पर अधिक समय लगने की स्थिति को देखते हुए निर्देश दिये कि इन्दौर रोड टोल नाके पर एक एक्स्ट्रा लाइन दी जाये, जिससे एम्बुलेंस आसानी से निकल सके। उन्होंने ई-रिक्शा के सम्बन्ध में हाईकोर्ट द्वारा जारी निर्देश का पालन करने की बात कही। बैठक में पुलिस महानिरीक्षक संतोष कुमार सिंह, डीआईजी अनिल कुशवाह, कलेक्टर आशीष सिंह, पुलिस अधीक्षक सत्येन्द्र कुमार शुक्ल, आयुक्त नगर निगम रोशन कुमार सिंह, प्रशासक महाकाल मन्दिर संदीप सोनी, जिला परिवहन अधिकारी संतोष मालवीय, पीडब्ल्यूडी एवं एमपीआरडीसी के अधिकारीगण मौजूद थे।
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