बीजिंग। भारत की राजधानी दिल्ली शुक्रवार को प्रदूषण की वजह से धुंध की घनी चादर से ढकी नजर आई। दिल्ली के अलग-अलग इलाकों में आज एयर क्वालिटी इंडेक्स (एक्यूआई) पर पीएम 2.5 कणों का स्तर 700 से 900 के बीच रहा। जबकि एक्यूआई का सुरक्षित स्तर 25 से 70 के बीच माना जाता है।
हालांकि, जहां भारत में बढ़े वायु प्रदूषण के पीछे दिवाली में पटाखों के फोड़े जाने को जिम्मेदार ठहराया जा रहा है, वहीं चीन की राजधानी बीजिंग में न तो दिवाली मनी और न ही पटाखे फूटे। इसके बावजूद यहां प्रदूषण की घनी चादर ने पूरे शहर को घेर लिया।
बीजिंग में गुरुवार को आलम यह रहा कि कई इलाकों में दृश्यता (विजिबिलिटी) 200 मीटर से भी कम रही। इसके चलते राजधानी से लगने वाले कई हाईवे को बंद कर दिया गया। इसके अलावा सरकार ने प्रदूषण रोकने के लिए फैक्ट्रियों को बंद करने के अलावा बच्चों को सुरक्षित रखने के लिहाज से स्कूलों में भी छुट्टी घोषित कर दी।
क्या रही बीजिंग में बढ़े प्रदूषण की वजह?
चीन की राजधानी में प्रदूषण का स्तर यह था कि सबसे ऊंची बिल्डिंग का शिखर प्रदूषण के धुएं में ही खो गया। प्रदूषण के इस बढ़े स्तर की वजह बीजिंग-तियांजिन-हेबेई क्षेत्र में औद्योगिकरण का बढ़ता बोझ है। हर साल सर्दी की शुरुआत से पहले इस क्षेत्र में भारी स्मॉग देखा जाता है। खासकर उन दिनों में जब हवा नहीं चलती।
बीजिंग में आज सुबह एक्यूआई 250 के करीब पहुंच गया। यह हाल तब हैं, जब चीनी सरकार ने राजधानी में बड़े-बड़े एयर प्यूरिफायर और प्यूरिफाइंग स्टेशन स्थापित किए गए हैं। अब अगले हफ्ते तक साइबेरिया से आने वाली ठंडी हवा से बीजिंग को कुछ राहत मिलने की उम्मीद है।
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