नई दिल्ली: देश के अधिकांश राज्यों में प्रचंड गर्मी और लू का दौर (extreme heat and heat waves) बदस्तूर जारी है. राजधानी दिल्ली, उत्तर प्रदेश, मध्य प्रदेश और राजस्थान (Delhi, Uttar Pradesh, Madhya Pradesh and Rajasthan) में हीटवेव कहर बरपा रही है. दिल्ली में गर्मी का सौ साल का रिकॉर्ड टूट गया है. मंगलवार को तापमान 49.4 डिग्री सेल्सियस रिकॉर्ड (Temperature record 49.4 degrees Celsius) किया गया है. इससे पहले साल 2022 में 15-16 मई को 49.2 डिग्री सेल्सियस तापमान दर्ज हुआ था. राजस्थान के चूरू में तापमान 50.5 डिग्री पहुंच गया है. बाजारों में सन्नाटा पसरा हुआ है. हालात बिगड़ते जा रहे हैं. बारिश हो और राहत मिले, इसके लिए पूचा-पाठ किया जा रहा है. जल तपस्या और जल साधना की जा रही है.
राजस्थान में हीटवेव के कारण मौत के आंकड़ों पर बयानबाजी का सिलसिला शुरू हो गया है. इन सबके बीच एक ऐसी रिपोर्ट भी सामने आई है, जो बताती है कि शहरों में बेतहाशा गर्मी और हीटवेव के पीछे की असली वजह क्या है, जिसे जानने से पहले गर्मी से झुलस रहे तमाम राज्यों पर डालते हैं एक नजर. राजस्थान में हीटवेव के कारण मौत को लेकर चिकित्सा विभाग का कहना है कि प्रदेश में अभी तक एक व्यक्ति की मौत हुई है. वहीं, सरकार के ही आपदा प्रबंधन विभाग ने हीटवेव से छह मौत का दावा किया है. चिकित्सा एवं स्वास्थ्य मंत्री गजेंद्र सिंह खींवसर का कहना है कि आपदा प्रबंधन विभाग काफी बड़ा है. ऐसे में विभाग के मंत्री किरोड़ी लाल मीणा से पूछना पड़ेगा कि उनके पास मौत के आंकड़े किस कैलकुलेशन से आए हैं. उनका ये बयान सोमवार को हीटवेव एवं मौसमी बीमारियों के प्रबंधन को लेकर स्वास्थ्य भवन में हुई बैठक के बाद आया है.
चिकित्सा एवं स्वास्थ्य मंत्री गजेंद्र सिंह खींवसर ने कहा कि प्रदेश में आमजन को हीटवेव से राहत देने के लिए चिकित्सा संस्थानों में बेहतर प्रबंध किए गए हैं. विभाग का प्रयास है कि लू और तापघात (Heat Stroke) से किसी व्यक्ति को तकलीफ न हो. पीड़ितों को तत्काल बेहतर उपचार मिले. राज्य स्तर से लेकर खंड स्तर तक अधिकारियों को फील्ड में जाकर हीटवेव प्रबंधन की सघन मॉनिटरिंग करने के निर्देश दिए हैं. भीषण गर्मी से राहत और अच्छी बारिश के लिए अब पूजा-पाठ किया जा रहा है. जयपुर के शिव मंदिर में वैदिक मंत्रोच्चार, जल साधना, यज्ञ साधना के साथ ही जल तपस्या की जा रही है. पानी के भगोने और पानी से भरे ड्रम में बैठकर कर जल तपस्या की जा रही है. राजधानी जयपुर में सोमवार को तापमान का सात साल पुराना रिकॉर्ड टूटा और पारा 46.4 तक पहुंच गया था.
गर्मी के प्रकोप को देखते हुए कोटा में दोपहर 12 से 3 बजे तक कोचिंग सेंटर बंद रखने का आदेश जारी किया गया है. कोचिंग क्लासेज के समय में बदलाव को लेकर कलेक्टर रविंद्र गोस्वामी ने कहा है कि गर्मी और हीटवेव के कारण दोपहर 12 से 3 बजे तक सभी कोचिंग सेंटर में क्लासेज और अन्य गतिविधियां नहीं होंगी. राज्य में गर्मी से परेशान लोगों की समस्या को लेकर राजस्थान कांग्रेस अध्यक्ष गोविंद सिंह डोटासरा राज्यपाल कलराज मिश्र से मिले हैं. गोविंद ने बताया कि भीषण गर्मी के बीच जनता बिजली पानी के लिए परेशान है. मगर, मुख्यमंत्री और सरकार के मंत्री चुनाव के लिए भारत भ्रमण पर निकले हैं. तापमान 50 डिग्री और उसके ऊपर पहुंच चुका है. जनता पानी के लिए त्राहिमाम कर रही है. मुख्यमंत्री और अधिकारियों के बीच समन्वय के अभाव में जनता परेशान है.
राज्य के जलदाय मंत्री के बयान मैं फूंक मारकर पानी ला दूं, ये संभव नहीं’का जिक्र करते हुए डोटासरा ने कहा कि हाल ही में उन्होंने जो जवाब दिया है वो एक तरीके से जनता की पीड़ा का मजाक है. मुख्य सचिव का नाम लिए बिना डोटासरा ने कहा कि प्रदेश में निरीक्षण तो खूब हो रहे हैं लेकिन जनता की परेशानी कम नहीं हो रही है. जनता की समस्या को लेकर राज्यपाल से बात की है. 28 और 29 मई को यूपी, एमपी, पंजाब, राजस्थान और दिल्ली में लू चलती रहेगी. 30 मई के बाद उत्तर पश्चिम और मध्य भारत में राहत मिलेगी. दिल्ली-एनसीआर में गर्मी से जल्द राहत नहीं की उम्मीद नहीं. अगले चार दिल्ली में भयंकर गर्मी पड़ेगी.
प्रचंड गर्मी को लेकर आईआईटी भुवनेश्वर के शोधकर्ताओं की एक रिपोर्ट भी सामने आई है. इसमें कहा गया है, पिछले दो दशकों में देश के 141 प्रमुख शहरों में बढ़ते तापमान पर शहरीकरण और जलवायु में आ रहे बदलावों के प्रभाव का इस रिसर्च में अध्ययन किया गया है. इन शहरों में बढ़ते तापमान को जानने के लिए 2003 से 2020 के बीच नासा के उपग्रह से प्राप्त आंकड़ों की मदद भी ली है. ये आंकड़े सरफेस टेंपरेचर के बढ़ते आंकड़ों को दिखाते हैं. ओडिशा के भुवनेश्वर में शहरीकरण ने गर्मी में 90 फीसदी तक इजाफा कर दिया है. रिपोर्ट के मुताबिक ग्रामीण क्षेत्रों में बढ़ते तापमान की वजह जलवायु में आ रहे परिवर्तन हैं.
शहरों में इसके लिए शहरीकरण और जलवायु परिवर्तन दोनों ही जिम्मेदार हैं. यानी शहरों में कंक्रीट के बेतहाशा निर्माण और लैंड यूज में हो रहे बदलाव की वजह से और गर्मी बढ़ रही है. बेतहाशा शहरीकरण के दौरान पर्यावरण को बचाने के स्टैंडर्ड मानकों की अनदेखी की गई है. यही वजह है हमारे देश के ज्यादातर शहरों में इस वक्त हीटवेव की स्थिति बनी हुई है. रिपोर्ट के मुताबिक 2050 तक दुनिया की 68 फीसदी आबादी शहरों में रह रही होगी. तब तक भीषण गर्मी का खतरा और बढ़ जाएगा. तेजी से होते शहरीकरण ने दुनिया के कई हिस्सों में पर्यावरण के लिए गंभीर खतरा पैदा कर दिया है. लिहाजा ऐसे हालात में सुधार लाने के लिए तत्काल कुछ महत्वपूर्ण कदम उठाना बेहद जरूरी हैं.
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