वाशिंगटन। रूस से तेल की खरीद पर चल रही बहस के बीच विदेश मंत्री एस जयशंकर(External Affairs Minister S Jaishankar) ने मंगलवार को अमेरिका में महत्वपूर्ण 2+2 संवाद में कहा कि भारत की रूसी ऊर्जा की मासिक खरीद यूरोप के एक दिन के मुकाबले कम है। बता दें यूक्रेन(Ukraine) पर जारी रूसी अटैक के बीच अमेरिका (America) सहित तमाम पश्चिमी देश अन्य देशों से रूस का तेल नहीं खरीदने के लिए कह रहे हैं। यूक्रेन युद्ध 48वें दिन में प्रवेश कर चुका है।
2+2 वार्ता के लिए अमेरिका दौरे पर गए विदेश मंत्री एस जयशंकर ने रूसी तेल खरीद पर पूछे गए एक सवाल के जवाब में कहा, “यदि आप रूस से (भारत की) ऊर्जा खरीद देख रहे हैं, तो मेरा सुझाव है कि आपका ध्यान यूरोप पर होना चाहिए। हम अपनी ऊर्जा सुरक्षा के लिए आवश्यक कुछ ऊर्जा खरीदते हैं। लेकिन मुझे संदेह है, आंकड़ों को देखते हुए, महीने के लिए हमारी खरीदारी यूरोप की दोपहर की (खरीद की) तुलना में कम होगी।” विदेश मंत्री ने कहा कि जितना रूसी तेल हम एक महीने में खरीदते हैं उतना तो यूरोप दोपहर तक ही खरीद लेता है।
इससे पहले पिछले हफ्ते, व्हाइट हाउस के प्रेस सचिव जेन साकी ने एक मीडिया ब्रीफिंग(media briefing) में यह भी स्पष्ट किया था कि रूस से भारत का ऊर्जा आयात कुल आयात का लगभग 1-2 प्रतिशत था। वाशिंगटन ने कहा है कि मास्को पर दबाव बनाने के लिए यह “आयात पर प्रतिबंध लगाने का देश का व्यक्तिगत निर्णय” है।
2+2 वार्ता में, ब्लिंकन ने एक बार फिर जोर देकर कहा कि भारत को “इस चुनौती (यूक्रेन) से कैसे निपटना इसको लेकर अपने निर्णय खुद लेने होंगे। हम स्वतंत्रता, खुलेपन, स्वतंत्रता और संप्रभुता के गहन मूल्यों को साझा करते हैं। रूस के साथ भारत के संबंध दशकों में ऐसे समय में विकसित हुए जब अमेरिका भारत का भागीदार बनने में सक्षम नहीं था। आज, हम भारत (India) के पसंदीदा भागीदार बनने में सक्षम और इच्छुक हैं।”
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