नई दिल्ली। विदेश मंत्री एस. जयशंकर की बेबाक व सक्रिय विदेश नीति के चर्चे दुनियाभर में होते हैं। उनके बयान और कार्यों में ‘इंडिया और इंडियन फर्स्ट’ साफ नजर आता है। मोदी युग में भारतीय विदेश नीति (Indian Foreign Policy) पर आयोजित कार्यक्रम में देश के विदेश मंत्री एस। जयशंकर (EAM S Jaishankar) शामिल हुए। उन्होंने कहा कि बीते 8 सालों में विदेश नीति में बड़ा परिवर्तन आया है. पहला, हमारी नीति सुरक्षा केंद्रित हुई है। दूसरा नीति विकास के परिपेक्ष से है। तीसरा नीति जनहित कार्य के परिपेक्ष में है। मोदी सरकार के आने के बाद काफी सकारात्मक बदलाव आए हैं।
आपको बता दें कि मंगलवार को उन्होंने अहमदाबाद में एक सार्वजनिक कार्यक्रम में मोदी सरकार की विदेश नीति क्या है, यह विस्तार से बताया। उन्होंने कहा कि सरकार की 10 दिन, 10 माह और 10 साल की विदेश नीति तैयार है। यह भी बताया कि वे विदेश जाते हैं तो वहां क्या करते हैं? उन्होंने युवाओं से कहा कि वे 26/11 मुंबई हमले और पुलवामा व उरी हमले के बाद क्या हुआ, इसका फर्क समझें।
अपनी साफगोई व सहजता के लिए चर्चित जयशंकर ने कहा कि वे चाहते हैं कि लोग जानें कि विदेश मंत्री के नाते वे क्या काम करते हैं? उन्होंने युवाओं से कहा कि आपने विदेश मंत्री के अमेरिका, आस्ट्रेलिया आदि देशों के टूर के बारे में पढ़ा होगा, लेकिन मैं वहां क्या करता हूं, यह मैं आपको बताना चाहता हूं। मैं चाहता हूं कि लोग जानें कि मैं या विदेश मंत्री विदेशों में क्या करता है। जयशंकर ने बताया कि इसके दो पहलू हैं, एक- दुनिया को भारत से परिचित कराना और दूसरा- दुनियाभर के देशों को भारत लाना।
कोविड और देश में आईफोन उत्पादन तथा यूक्रेन जंग के कारण ईंधन की बढ़ती कीमतों का जिक्र करते हुए उन्होंने कहा कि यह मत सोचिए कि विदेश नीति या कूटनीति देश के बाहर की कोई चीज है। यह आपके दैनिक जीवन का हिस्सा है। हम नए भारत की एक मज़बूत बुनियाद बना रहे हैं और दुनिया को इसकी पहचान भी करवा रहे हैं। बदलती दुनिया के लिए भारत को तैयार कर रहे हैं। युवा पीढ़ी को दुनिया में सक्रिय रूप से रुचि लेना चाहिए, क्योंकि आज की दुनिया भारत के लिए तैयार है।
विदेश मंत्री एस. जयशंकर ने कहा कि हमारी सरकार सीमा पर आने वाली चुनौती का डटकर सामना करती है और दुश्मनों को मुंहतोड़ जवाब देती है। हमारी सरकार पूरी ताकत से मुकाबला करती है। बांग्लादेश की तरफ से सीमाएं अब सुरक्षित हैं और पूरे नार्थ ईस्ट पर इसका असर है। यहां आतंकवाद खत्म हुआ है। हमारी अच्छी कूटनीति के कारण अब हमें सुरक्षा के लिए हथियार की कमी नहीं होती।
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