नई दिल्ली । भारत (India) के विदेश मंत्री एस जयशंकर (External Affairs Minister S Jaishankar) ने पाकिस्तान (Pakistan)का परोक्ष रूप से जिक्र करते हुए कहा कि जिस तरह भारत सूचना प्रौद्योगिकी (IT Expert)का विशेषज्ञ है, उसी तरह “हमारा पड़ोसी अंतरराष्ट्रीय आतंकवाद का विशेषज्ञ (Terror Expert) है.” इसके साथ ही उन्होंने चेतावनी दी कि अगर आतंकवाद (Terrorism) “हमारे खिलाफ किया जा रहा है, तो कल यह आपके भी खिलाफ होगा. उन्होंने कहा कि आतंकवाद के बारे में दुनिया की समझ पहले के समय की तुलना में बदल गई है और अब इसे बर्दाश्त नहीं किया जा रहा है. आतंकवाद का इस्तेमाल करने वाले देश दबाव में हैं और आगे भी रहेंगे.”
विदेश मंत्री ने पाकिस्तान का बिना नाम लिए कही ये बात
जयशंकर ने गुजरात के वडोदरा में एक कार्यक्रम में कहा “हमारे पास एक पड़ोसी है .. जैसे हम आईटी (सूचना प्रौद्योगिकी) के विशेषज्ञ हैं, वे ‘अंतर्राष्ट्रीय आतंकवादियों’ के विशेषज्ञ हैं. यह वर्षों से चल रहा है … लेकिन हम दुनिया को समझा सकते हैं कि आतंकवाद, आतंकवाद है, आज यह हमारे खिलाफ किया, कल यह आपके खिलाफ होगा,”
पूर्वोत्तर भारत में आतंकवादी घटनाओं पर बोलते हुए, जयशंकर ने कहा कि हाल के वर्षों में इन गतिविधियों में कमी आई है क्योंकि भारत 2015 में बांग्लादेश के साथ एक भूमि सीमा समझौता हासिल कर सकता है. उस समझौते ने “चरमपंथियों को बांग्लादेश में शरण लेने से रोक दिया, जिसने पूर्वोत्तर भारत में उनके ऑपरेशन को रोक दिया.”
तेल की बढ़ती कीमतों पर पीएम की बात की सराहना की
जयशंकर ने शनिवार को यह भी कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी तेल की बढ़ती कीमतों के बीच दबाव के आगे नहीं झुके और सलाह दी कि भारत को वह करना चाहिए जो देश के लिए सबसे अच्छा हो और अगर दबाव आता है तो उसका डटकर मुकाबला करें.
“रूस-यूक्रेन संघर्ष के कारण पेट्रोल की कीमतें दोगुनी हो गईं हैं और हमारे पास तेल खरीदने का दबाव था लेकिन पीएम मोदी और सरकार का विचार था कि हमें वही करना है जो हमारे देश के लिए सबसे अच्छा है और अगर दबाव आता है तो हमें इसका जवाब देने आना चाहिए और ये सोचना चाहिए कि हम इसका सामना कैसे करें.”
रूस-यूक्रेन को युद्ध रोकने के लिए कह चुका है भारत
रूस-यूक्रेन संघर्ष के दौरान, जयशंकर ने कहा कि पीएम मोदी ने रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन और यूक्रेनी राष्ट्रपति वलोडिमिर ज़ेलेंस्की दोनों को कुछ समय के लिए संघर्ष विराम के लिए बुलाया ताकि हम अपने छात्रों को सुरक्षित रूप से निकाल सकें. यह ध्यान देने योग्य है कि भारत लगातार रूस और यूक्रेन से युद्ध को समाप्त करने और बातचीत और कूटनीति को चुनने का आह्वान करता रहा है.
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