नई दिल्ली । सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) ने प्रवर्तन निदेशालय के डायरेक्टर (ED Director) संजय कुमार मिश्रा (Sanjay Kumar Mishra) के सेवा विस्तार को (Extension of Service) अवैध (Illegal) करार दिया और उन्हें 31 जुलाई तक (By 31 July) दफ्तर छोड़ने का वक्त दिया (Given Time to Leave office)। अदालत ने कहा कि उन्हें तीसरा कार्यकाल विस्तार देना अवैध है। ईडी निदेशक का कार्यकाल नवंबर 2023 में समाप्त होने वाला था।
अदालत ने आदेश दिया है कि संजय कुमार मिश्रा 31 जुलाई तक कामकाज संभाल सकते हैं और तब तक केंद्र सरकार को दूसरी व्यवस्था देखनी होगी। अदालत ने साफ कहा कि संजय कुमार मिश्रा को 31 जुलाई तक का वक्त दफ्तर छोड़ने के लिए दिया जाता है। जस्टिस बीआर गवई की अध्यक्षता वाली बेंच ने कहा कि संजय मिश्रा को 22 नवंबर के बाद सेवा विस्तार नहीं मिलना चाहिए था। सुप्रीम कोर्ट ने 2021 के अपने फैसले में कहा था कि मिश्रा को अब एक और सेवा विस्तार नहीं मिलना चाहिए।
शीर्ष अदालत ने ईडी निदेशक के कार्यकाल विस्तार और 2021 के केंद्रीय सतर्कता संशोधन आयोग अधिनियम 2003 में संशोधन को चुनौती देने वाली याचिका पर सुनवाई के दौरान अपना फैसला सुनाया।इससे पहले केंद्र सरकार ने एक लिखित जवाब में सुप्रीम कोर्ट को बताया था कि ईडी प्रमुख के कार्यकाल विस्तार को चुनौती देने वाली याचिका मनी लॉन्ड्रिंग के आरोप झेल रहे कांग्रेस नेताओं को बचाने की कोशिश है। जवाबी हलफनामे में केंद्र ने कहा कि जनहित याचिका स्पष्ट रूप से प्रेरित है और माना जाता है कि इसका इरादा वैधानिक जांच को बाधित करना था।
बता दें संजय मिश्रा को पहली बार नवंबर 2018 में दो साल के लिए ईडी निदेशक नियुक्त किया गया। उनका कार्यकाल नवंबर 2020 में समाप्त हो गया। मई 2020 में वह सेवानिवृत्ति की आयु (60 वर्ष) में पहुंच चुके थे। इसी बीच 13 नवंबर, 2020 को केंद्र सरकार ने एक कार्यालय आदेश जारी करके कहा था कि राष्ट्रपति ने 2018 के आदेश को इस आशय से संशोधित किया था कि ‘दो वर्ष’ की अवधि को ‘तीन वर्ष’ की अवधि में बदल दिया गया। इसे सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी गई थी।
सुप्रीम कोर्ट ने सितंबर 2021 के फैसले में संशोधन को मंजूरी दे दी, लेकिन ईडी निदेशक को और अधिक एक्सटेंशन देने के खिलाफ फैसला सुनाया। 2021 में कोर्ट के फैसले के बाद केंद्र सरकार केंद्रीय सतर्कता आयोग (सीवीसी) अधिनियम में संशोधन करते हुए एक अध्यादेश लेकर आई, जिससे ईडी निदेशक के कार्यकाल को पांच साल बढ़ाने की शक्ति मिल गई। इस संबंध में संसद द्वारा एक कानून पारित किया गया था, जिसमें ईडी निदेशक के कार्यकाल को एक बार में एक वर्ष के लिए बढ़ाने की अनुमति दी गई थी, जो अधिकतम 5 वर्षों तक था।
संजय कुमार मिश्रा को मिले सेवा विस्तार को कांग्रेस नेता रणदीप सिंह सुरजेवाला और टीएमसी की सांसद महुआ मोइत्रा समेत कई लोगों ने चुनौती दी थी। 1984 बैच के आईआऱएस अधिकारी संजय मिश्रा को आर्थिक मामलों का जानकार माना जाता है। मूल रूप से यूपी के रहने वाले मिश्रा ने इनकम टैक्स से जुड़े कई मामलों की जांच की थी, जो हाईप्रोफाइल केस थे। वह दिल्ली में इनकम टैक्स के चीफ कमिश्नर भी रह चुके हैं।
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