नई दिल्ली। 2013-14 की इसी अवधि की तुलना में अप्रैल-अक्टूबर 2022-23 में भारत के फार्मा निर्यात में 138 प्रतिशत की वृद्धि हुई है, इस दौरान भारत दुनिया के लिए एक फार्मेसी के रूप में विकसित हुआ। अप्रैल-अक्टूबर 2013-14 से भारत के फार्मा निर्यात में 138 प्रतिशत की वृद्धि देखी गई, जो 2013-14 में 37,987.68 करोड़ रुपये से बढ़कर 2021-22 में 90,324.23 करोड़ रुपये हो गया।
केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री मनसुख मंडाविया ने इन वर्षों में भारत के दवा निर्यात के एक इन्फोग्राफिक को साझा करते हुए एक ट्वीट में कहा कि भारत का दवा निर्यात दुनिया का नेतृत्व कर रहा है। भारत दुनिया को जरूरी दवाएं मुहैया करा रहा है। इससे भारत के फार्मा उत्पादों का निर्यात बढ़ा है। मंडाविया ने एक ट्वीट में कहा, “अप्रैल-अक्टूबर 2022 में 2013 में की तुलना में फार्मा उत्पादों के निर्यात में 138 फीसदी की जबर्दस्त वृद्धि हुई है। ऐसा पीएम नरेंद्र मोदी जी के दूरदर्शी नेतृत्व के कारण संभव हो पाया है।”
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने जनवरी में दावोस शिखर सम्मेलन को संबोधित करते हुए कहा था कि भारत अब दुनिया के लिए एक फार्मेसी है और दुनिया का तीसरा सबसे बड़ा फार्मा-उत्पादक है। ‘वन अर्थ, वन हेल्थ’ विजन के तहत कई देशों को टीके और आवश्यक दवाओं की आपूर्ति कर कोविड-19 महामारी के दौरान करोड़ों लोगों की जान बचाई गई। उस दौरान पीएम मोदी ने कहा था, ‘कोरोना के इस समय में हमने देखा है कि किस तरह ‘वन अर्थ, वन हेल्थ’ के विजन पर चलकर भारत कई देशों को जरूरी दवाएं और वैक्सीन देकर करोड़ों लोगों की जान बचा रहा है। पीएम नरेंद्र मोदी ने वर्ल्ड इकोनॉमिक फोरम के दावोस एजेंडा में वर्चुअल रूप से दुनिया को संबोधित किया था।
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