नई दिल्ली। प्रधानमंत्री ने कर सुधारों की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम उठाते हुए गुरुवार को करदाता चार्टर लागू करने की घोषणा की। यह चार्टर आयकर विभाग के अधिकारियों के कर्तव्यों के साथ करदाताओं के अधिकारों को भी स्पष्ट करता है। चार्टर के मुताबिक आयकर विभाग जब तक कुछ गलत साबित नहीं हो, प्रत्येक करदाता के साथ ईमानदार करदाता के रूप में व्यवहार करेगा। साथ ही उन्हें निष्पक्ष, विनम्र तथा उपयुक्त सेवाएं उपलब्ध कराएगा।
फाइनेंशियल एक्सपर्ट अमित रंजन ने हिन्दुस्थान समाचार से बातचीत में बताया कि आयकरदाता और आयकर अधिकारियों के बीच एक बेहतर तालमेल के लिए टैक्सपेयर्स चार्टर की शुरुआत की गई है। इसके साथ ही चार्टर में ये भी अपेक्षा की गई है कि करदाता समय पर कर का भुगतान करेंगे, ईमानदार रहेंगे और नियमों का अनुपालन करेंगे। दरअसल ये पूरी व्यवस्था घोषित टैक्सपेयर्स चार्टर (अधिकार पत्र) में दी गई है।
अमित रंजन ने कहा कि प्रधानमंत्री ने जिस पारदर्शी कराधान-ईमानदार का सम्मान’ मंच की शुरुआत की है। उसके तहत करदाताओं और अधिकारियों के बीच पहचान रहित (फेसलेस) आकलन किया जाएगा। इसमें फेसलेस अपील करने का भी ऐलान किया गया है, जो 25 सितंबर से लागू होगी। उन्होंने कहा कि करदाता चार्टर आयकर विभाग की प्रतिबद्धता और करदाताओं से अपेक्षाओं को स्पष्ट परिभाषित करता है। आयकर अधिकारी अब 14 सूत्री चार्टर को लेकर प्रतिबद्ध होंगे, जिसमें कानून के अनुसार केवल बकाया राशि (कर) का संग्रह शामिल है।
कर विशेषज्ञ ने कहा कि यह चार्टर आयकर विभाग की टैक्सपेयर्स सर्विसेज को बेहतर करने और खुद को उत्तरदायी बनाने की प्रतिबद्धता को दिखाता है। इसमें स्पष्ट तौर पर करदाताओं के अधिकारों और जिम्मेदारियों को साफ तौर पर व्यक्त किया गया है और उनसे अपनी उम्मीदों को भी बताया है। इसके साथ ही आयकर विभाग की जिम्मेदारियां भी तय की गई हैं।
आयकर विभाग इन बातों का करेगा पालन
प्रधानमंत्री द्वारा घोषित टैक्सपेयर्स चार्टर के मुताबिक आयकर विभाग इन कामों के लिए प्रतिबद्ध है, जो इस प्रकार है-
-आयकर विभाग करादाताओं के साथ सभी काम में तेज, विनम्र और पेशेवर सहायता देगा।
-कर विभाग हर करदाता के साथ ईमानदार की तरह व्यवहार करेगा, जब तक कि कुछ दूसरा मानने का कारण मौजूद हो।
-आयकर विभाग निष्पक्ष और सही अपील के साथ रिव्यू की व्यवस्था भी उपलब्ध कराएगा।
-कर विभाग कानून के तहत पालन करने के दायित्वों को पूरा करने के लिए सटीक जानकारी उपलब्ध कराएगा।
-विभाग आयकर की हर कार्यवाही में फैसला कानून के तहत दिए गए समय के अंदर लेगा।
-आयकर विभाग कानून के तहत दी गई राशि को ही जमा करेगा। इसके साथ ही विभाग कानून की प्रक्रिया का पूरी तरह पालन करेगा और किसी जांच, पड़ताल और प्रवर्तन कार्यवाही में जरूरत से ज्यादा दखल नहीं देगा।
-आयकर विभाग करदाता के द्वारा दी गई किसी जानकारी का खुलासा नहीं करेगा, जब तक कानून द्वारा वह प्रमाणित नहीं हो। वहीं, कर विभाग अपनी अथॉरिटी को उसकी कार्यवाही के लिए जिम्मेदार मानेगा।
-आयकर विभाग हर टैक्सपेयर्स को उसके चुनाव के प्रतिनिधि रखने की इजाजत देगा।
-कर विभाग करदाता को शिकायत दर्ज कराने की व्यवस्था जल्द उसका निपटारा करने की व्यवस्था उपलब्ध कराएगा।
-विभाग एक सही और निष्पक्ष व्यवस्था उपलब्ध कराएगा और टैक्स से जुड़े मुद्दों को निश्चित वक्त में सुलझाएगा। वहीं, आयकर विभाग सर्विस की डिलीवरी के लिए स्टैंडर्ड को सामयिक तरीके में पब्लिश करेगा।
-आयकर विभाग कर कानून को लागू करने के समय उसके पालन की लागत को विचार में लेगा।
करदाताओं के कर्तव्य और जिम्मेदारियां
टैक्सपेयर्स चार्टर के मुताबिक आयकर विभाग करादताओं से ये उम्मीदें रखता है, जो कि इस प्रकार है-
-करदाता से पूरी जानकारी को ईमानदारी के साथ प्रकट करने और अपनी पालन की जिम्मेदारी पूरी करने की उम्मीद है।
-ऐसी उम्मीद है कि उसे कानून के तहत अपने अनुपालन के दायित्वों का पता हो और जरूरत पड़ने पर वह विभाग की मदद ले।
-वह कानून के मुताबिक सटीक रिकॉर्ड रखे और उसे यह पता हो कि उसके प्रतिनिधि ने क्या जानाकरी और सब्मिशन दिए हैं।
-करदाता आयकर कानून के मुताबिक समयबद्ध तरीके से सबमिशन कर दे। वह कानून के मुताबिक समय से राशि का भुगतान करे। (एजेंसी, हि.स.)
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