नई दिल्ली। प्रधानमंत्री मोदी (Prime Minister Narendra Modi) को पब्लिक हेल्थ एक्सपर्ट्स (Public Health Experts) के एक समूह ने अपनी एक रिपोर्ट सौंपी है। जिसमें एक्सपर्ट्स ने सभी वयस्कों के लिए कोरोना टीकाकरण खोले जाने की समीक्षा करने की बात कही है। एक्सपर्ट्स समूह अपनी सिफारिश में कहा है कि कोरोना से ठीक हो चुके लोगों को वैक्सीन देने की जरूरत नहीं है। बड़े पैमाने पर वैक्सीनेशन की बजाय जोखिम वाले समूहों को टीका लगाया जाए।
पब्लिक हेल्थ एक्सपर्ट्स ने यह अंदेशा जताया है कि अंधाधुंध और अपूर्ण टीकाकरण (Vaccination) करना ठीक नहीं है। यह कोरोना वायरस के म्यूटेंट के उभार की वजह बन सकता है। इस समूह में अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (AIIMS) के डॉक्टर, कोविड-19 संबंधी राष्ट्रीय कार्यबल के सदस्य भी शामिल हैं। समूह ने अपनी हालिया रिपोर्ट में कहा है कि बड़े पैमाने पर लोगों के टीकाकरण की जगह केवल उन लोगों का टीकाकरण किया जाना चाहिए जो संवेदनशील और जोखिम श्रेणी में शामिल हैं। रिपोर्ट में कहा गया है कि जिन जगहों पर डेल्टा वैरिएंट (Delta Varriant) की वजह से तेजी से संक्रमण बढ़ रहे हैं वहां कोविशील्ड की दोनों डोज के बीच के अंतर को कम कर देना चाहिए।
अभी कोविशील्ड (Covishield) की दोनों डोज के बीच कम से कम 12 हफ्ते का गैप रखा गया है। रिपोर्ट में कहा गया है कि अनियोजित टीकाकरण से वायरस के म्यूटेंट वेरिएंट्स को बढ़ावा मिल सकता है। इसमें कहा गया है कि जो लोग कोरोना वायरस संक्रमण की चपेट में आ चुके हैं, उनके टीकाकरण की अभी कोई आवश्यकता नहीं है। रिपोर्ट में कहा गया है कि देश में वैक्सीन की उपलब्धता सीमित है तो सभी वयस्कों को टीका लगाने का कोई मतलब नहीं बन रहा है। हमारा ध्यान फोकस मौतों को कम करने पर होना चाहिए।
©2024 Agnibaan , All Rights Reserved