नई दिल्ली: महंगाई ने लोगों को किस तरह बेजार कर रखा है, इसका बड़ा उदाहरण टेलीकॉम कंपनियों के घटते ग्राहकों की संख्या से ही पता चल जाता है. भारतीय दूरसंचार नियामक एवं प्राधिकरण (Trai) ने पिछले दिनों अप्रैल के आंकड़े जारी कर बताया कि दूरसंचार कंपनियों को करीब 70 लाख ग्राहकों का नुकसान हुआ है.
ट्राई के अनुसार, वोडा-आइडिया, एयरटेल और जियो जैसी टेलीकॉम कंपनियों के ग्राहकों की संख्या अप्रैल में 70 लाख घट गई. यह पिछले 10 महीने की सबसे तेज गिरावट है और एक दशक में ऐसा दूसरी बार हुआ है जब ग्राहकों की संख्या में इतनी ज्यादा कमी आई है. इससे पहले महामारी की पहली लहर में लाखों लोगों ने सिम चलाना बंद कर दिया था. इस बार टैरिफ बढ़ने की वजह से लोगों ने दूसरी सिम चलाना बंद कर दिया है.
ट्राई के अनुसार, अप्रैल में एक्टिव सब्सक्राइबर की संख्या सभी कंपनियों में कम हुई है. हालांकि, इसका सबसे कम असर जियो पर हुआ जिसके एक्टिव ग्राहकों की संख्या में सिर्फ 1 लाख की कमी आई है. सबसे ज्यादा नुकसान वोडा-आइडिया को हुआ, क्योंकि उसके एक्विटव ग्राहकों की संख्या में 38 लाख की कमी आई है. सब्सक्राइबर के नुकसान में दूसरे पायदान पर एयरटेल रही जिसके 31 लाख एक्विटव ग्राहकों ने अप्रैल में अपना सिम बंद कर लिया.
वैसे तो कंपनियों के एक्टिव सब्सक्राइबर की संख्या कम हुई है लेकिन कुल सब्सक्राइबर का बेस अप्रैल में और बढ़ा है. ट्राई के अनुसार, इस दौरान कंपनियों ने 6 लाख नए ग्राहक जोड़े हैं. जियो के साथ 17 लाख नए सब्सक्राइबर जुड़े और इसकी कुल संख्या 40.6 करोड़ पहुंच गई. एयरटेल ने 8 लाख नए ग्राहकों के साथ कुल सब्सक्राइबर की संख्या 36.1 करोड़ पहुंचा दी, जबकि वोडा-आइडिया के पास से 16 लाख ग्राहक चले गए और कुल सब्सक्राइबर की संख्या घटकर 25.9 करोड़ रह गई. हालांकि, एक्टिव यूजर्स की बात करें तो जियो के 93 फीसदी एक्टिव यूजर्स हैं, जबकि एयरटेल के 98 फीसदी और वोडा-आइडिया के 86 फीसदी एक्टिव यूजर हैं.
कंपनियों के एक्टिव यूजर्स की संख्या ग्रामीण और शहरी इलाकों में अलग-अलग रही है. जियो ने जहां ग्रामीण और शहरी दोनों ही जगहों पर नए यूजर्स को जोड़ा, वहीं एयरटेल ने शहरी इलाके में अपने कुछ ग्राहक गंवा दिए. हालांकि, वोडा-आइडिया की हालत यहां भी सबसे ज्यादा खराब रही क्योंकि उसने गांव और शहर दोनों ही क्षेत्रों में अपने ग्राहक गंवाए हैं. शहरी क्षेत्र में सबसे ज्यादा 56 फीसदी सब्सक्राइबर जियो के पास हैं, जबकि एयरटेल के पास यह संख्या 52 फीसदी और वोडा-आइडिया के पास 50 फीसदी है.
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