भोपाल। पेट्रोल और डीजल के बढ़ते दाम ने आम आदमी के बजट को बहुत गड़बड़ा दिया है। सामान्य व्यक्ति जो अपने दैनिक कार्यों के लिए दो पहिया वाहन में एक दिन में करीब एक लीटर पेट्रोल जलाता था, उसका खर्च बढ़ गया है। ईंधन पर उसे हर महीने लगभग 300 रुपये अतिरिक्त खर्च करना पड़ रहा है। पेट्रोल की कीमतें बढऩे के बाद से कुछ लोगों का यह खर्च तो 500 रुपये तक भी जा पहुंचा है। हालात यह हैं कि एक ही कार्य स्थल पर दूर तक जाने वाले और पास पास रहने वाले व्यक्ति अब एक ही गाड़ी से आना-जाना कर रहे हैं। मालवीय नगर निवासी विष्णु मौर्य और राजेंद्र दयाल मंडीदीप औद्योगिक क्षेत्र में काम करते हैं। दोनों पड़ोसी हैं। दोनों ने तय किया है कि एक ही मोटरसाइकिल से जाएंगे। एक-एक सप्ताह की बारी बांट ली है। गोविदपुरा के कारखानों में काम करने वाले सुमीत और विकास ने भी एक ही मोटरसाइकिल से आना-जाना तय किया है। ईंधन का बजट अब आम आदमी के अन्य खर्चों पर भारी पड़ता जा रहा है। लगभग एक महीने में पेट्रोल और डीजल के दाम 11-11 रुपये प्रति लीटर तक बढ़ चुके हैं। माना जा रहा है ईंधन की कीमतों में बढ़ोतरी का यह क्रम अभी जारी रह सकता है। आम जनता को राहत की उम्मीद कम है।
अब आटो रिक्शा के किराए में वृद्धि की मांग
पेट्रोल डीजलों की कीमतों में इजाफे के बाद, अब आटो रिक्शा के किराए में वृद्धि के बाद अब सीएनजी की कीमतों में भी इजाफा हो गया है। बीते कुछ दिनों में सीएनजी की कीमत 68 रुपये से 86 रुपये हो गई है। ऐसे में अब रिक्शा चालक आरटीओ से मिलकर किराया बढ़ाने की मांग करेंगे। आटो रिक्शा युनियन के पदाधिारियों के अनुसार सीएनजी की कीमतों से परेशानी हो रही है। पहले दिनभर आटो चलाने से जो बचत होती थी वह सीएनजी में जा रही है। हम लोग परेशान है। पहले ही कोरोना के कारण हमारी हालत खराब है, लेकिन अब सीएनजी की कीमतें बढ़ रही है।
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