नई दिल्ली । देश की आर्थिेक वृद्धि दर (Expected growth rate) अगले वित्त वर्ष में (In next fiscal) 8 से 8.5 प्रतिशत (8 to 8.5 per cent) रहने की उम्मीद है। आर्थिक सर्वेक्षण 2022-23 (Economic Survey 2022-23) में सोमवार को यह जानकारी दी गई है।
वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने संसद में पेश किए गए आर्थिक सर्वेक्षण में कहा है कि देश में आर्थिेक मोचें पर सभी गतिविधियों के रफ्तार पकड़ने, कोरोना के खिलाफ टीकाकरण अभियान में तेजी और आपूर्ति की प्रक्रिया में तेजी आने से भारतीय अर्थव्यवस्था के लिए बंहतर स्थिति है। इसके चलते देश की जीडीपी आठ से साढे आठ प्रतिशत रहने की उम्मीद है।
इसमें कहा गया है कि फिर भी वैश्विक वातावरण अभी भी अनिश्चित बना हुआ है। इस समय ओमिक्रोन वेरिएंट के रूप में एक नई लहर दुनिया भर में फैल रही है और अधिकांश देशों में मुद्रास्फीति बढ़ने से प्रमुख केंद्रीय बैंकों द्वारा धन की निकासी शुरू कर दी गई है।
इसमें कहा गया है वैश्विक महामारी के कारण सभी तरह की दिक्कतों के बावजूद, भारत का भुगतान संतुलन पिछले दो वर्षों में अधिशेष में रहा। इस प्रवृत्ति ने भारतीय रिजर्व बैंक को विदेशी मुद्रा भंडार जमा करने के लिए प्रेरित किया। उच्च विदेशी मुद्रा भंडार, निरंतर प्रत्यक्ष विदेशी निवेश और बढ़ते निर्यात से होने वाली आय वर्ष 2022-23 में विश्व में संभावित तरलता की कमी के खिलाफ पर्याप्त सहारा प्रदान करेगा।
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