नई दिल्ली (New Delhi)। बड़े लक्ष्य के साथ चुनाव मैदान (election field)में उतरी भाजपा (B J P)को पिछली बार हारी हुई 160 सीटों में से कम से कम आधी सीटें जीतने का भरोसा (Reliance)है। इसके अलावा पार्टी अपनी मौजूदा सीटों(existing seats) में बहुत ज्यादा कमी नहीं देख रही है। तीन चरणों का मतदान संपन्न होने के बाद भाजपा नेतृत्व ने आगे की चुनावी रणनीति पर मंथन किया है, इसमें राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के एक प्रमुख पदाधिकारी भी मौजूद रहे। सूत्रों के अनुसार, पार्टी को भरोसा है कि वह पिछले लोकसभा चुनाव में हारी हुई 160 सीटों में से आधी सीटें जीतने की स्थिति में है।
इन सीटों के लिए पार्टी ने लगभग दो वर्ष पहले से ही तैयारी शुरू कर दी थी और कई केंद्रीय मंत्रियों समेत वरिष्ठ पदाधिकारियों को इन सीटों की जिम्मेदारी भी सौंप थी। इन नेताओं ने इन सीटों पर लंबे-लंबे प्रवास करने के साथ ही कार्यकर्ताओं को न केवल सक्रिय किया, बल्कि हर बूथ की स्थिति का आकलन कर रणनीति भी तैयार की, जिसमें जाति और सामाजिक समीकरण प्रमुख रहे। इसी हिसाब से पार्टी ने यहां उम्मीदवार भी तय किए हैं। पार्टी को उम्मीद है कि इसके परिणाम उसके पक्ष में आएंगे।
भाजपा ने गठबंधन का दायरा भी बढ़ाया
आम चुनाव से पहले भाजपा ने अपने गठबंधन का दायरा भी बढ़ाया है और इसका लाभ भी इन सीटों पर उसे मिलने की संभावना है। पार्टी के वरिष्ठ नेताओं का मानना है कि भाजपा की जो मौजूदा सीटें हैं, उसमें बहुत ज्यादा नुकसान होने की संभावना नहीं है। कुछ सीटें इधर-उधर हो सकती हैं, लेकिन अधिकांश सीटें वह फिर से जीतने में सफल रहेगी।
बचे चार चरणों के लिए रणनीति को मजबूत किया
पार्टी ने आम चुनाव के बाकी चार चरणों के लिए अपनी रणनीति को और ज्यादा मजबूत किया है। अब हर बूथ पर एक वरिष्ठ नेता निगरानी करेंगे और वह बूथ की सभी टीमों का मार्गदर्शन भी करेंगे, ताकि किसी भी बूथ पर टीम शिथिल न पड़े और मतदान के दिन एजेंट से लेकर बाहर तैनात होने वाले कार्यकर्ता पूरी सजगता के साथ मतदान करने में सक्रिय रहें। दूसरी तरफ, पार्टी के बड़े नेता सघन प्रचार के साथ जनसंपर्क पर जोर देंगे। जिन नेताओं के चुनाव हो चुके हैं वे अब बाकी चुनाव क्षेत्र में जाकर जमीनी स्तर पर काम में जुटे हैं। विभिन्न सामाजिक वर्गों और समुदायों से भी वरिष्ठ नेता संपर्क और संवाद करेंगे। छोटी-छोटी बैठक कर लोगों को अपने पक्ष में लाने की कोशिश करेंगे।
गठबंधन के लिए भी पूरी ताकत लगा रही भाजपा
भाजपा गठबंधन के उम्मीदवारों के लिए भी पूरी ताकत लगा रही है। पार्टी ने अपने कार्यकर्ताओं को उन सीटों पर भी सक्रिय कर रखा है, जहां उसके अपने उम्मीदवार नहीं हैं। खासकर दक्षिण के राज्यों में पार्टी इस पर ज्यादा जोर दे रही है। भाजपा को सबसे ज्यादा उम्मीदें आंध्र प्रदेश और तेलंगाना से हैं। आंध्र प्रदेश में तेलुगूदेशम के साथ पार्टी को अच्छी सफलता मिलने की उम्मीद है। कर्नाटक में अगर कोई नुकसान होता है तो इसकी भरपाई भाजपा आंध्र प्रदेश से कर लेगी। केरल और तमिलनाडु में भी पार्टी को पहले से बेहतर नतीजे की उम्मीद है। इसके लिए पार्टी ने संगठन के प्रमुख नेताओं व कार्यकर्ताओं को इन दोनों राज्यों में भेजा था।
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