इंदौर (Indore)। रेलवे बोर्ड ने इंदौर रेलवे स्टेशन रिडेवलपमेंट प्लान की मंजूरी को लेकर कवायद शुरू कर दी है। हाल ही में बोर्ड ने प्लान की डिटेल प्रोजेक्ट रिपोर्ट (डीपीआर) मांगी है। करीब छह महीने से स्टेशन रिडेवलपमेंट प्लान बनाने की कवायद हो रही है, लेकिन समय-समय पर विभिन्न बदलावों के कारण अब तक न तो प्रोजेक्ट फाइनल हुआ है और न टेंडर के ठिकाने हैं। बीते रविवार को केंद्रीय रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव ने इंदौर प्रवास के दौरान रेलवे स्टेशन का दौरा किया था और अफसरों से रिडेवलपमेंट प्लान को लेकर सवाल-जवाब किए थे।
मंत्री ने अधिकारियों को इसी हफ्ते पूरा प्रोजेक्ट रेलवे बोर्ड भेजने को कहा था। उसी के बाद बोर्ड से रिडेवलपमेंट प्लान की डीपीआर मांगी गई है। सूत्रों ने बताया कि गुरुवार को दिल्ली में इंदौर स्टेशन की प्लानिंग बोर्ड की ईडी कमेटी के समक्ष प्रोजेक्ट का प्रेजेंटेशन होना है। इस कमेटी में बोर्ड के सभी विभागों के एक्जीक्यूटिव डायरेक्टर (ईडी) शामिल हैं। कमेटी सदस्य जो सुझाव देंगे, उन्हें शामिल कर प्लान को अंतिम रूप दिया जाएगा। इंदौर स्टेशन का रिडेवलपमेंट प्लान 942 करोड़ रुपए का है। सूत्रों ने बताया कि मंत्री भी चाहते हैं कि जल्द प्रोजेक्ट फाइनल हो, ताकि नवनिर्माण के लिए टेंडर प्रक्रिया शुरू की जा सके। इसमें सबसे मुख्य काम प्लेटफॉर्म-एक और चार की तरफ स्टेशन बिल्डिंग नए सिरे से बनाने के अलावा वर्तमान शास्त्री ब्रिज तोड़कर नया ब्रिज बनाने का है।
काम शुरू होने के बाद लगेंगे तीन साल
स्टेशन रिडेवलपमेंट प्रोजेक्ट का काम एक बार शुरू होने के बाद कम से कम तीन साल लगेंगे। यदि जनवरी 2024 तक काम शुरू होता है, तो जनवरी 2027 तक ही वह पूरा होगा। सबसे जटिल काम शास्त्री ब्रिज का होगा, क्योंकि ट्रैफिक डायवर्शन बड़ी चुनौती होगी। काम के दौरान इंदौर स्टेशन पर ट्रेनों की आवाजाही को भी चरणबद्ध तरीके से बंद करना होगा और ट्रेनें लक्ष्मीबाई नगर या महू से संचालित की जाएंगी।
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