इन्दौर। पिछले दिनों आबकारी महकमों में फर्जी एफडी का घोटाला उजागर हुआ था। इसके चलते सहायक आयुक्त आबकारी का तबादला शासन ने कर दिया तो कलेक्टर ने 25 सहायक जिला आबकारी अधिकारी और उपनिरीक्षकों को भी इधर से उधर कर दिया। यानि उनके क्षेत्र बदल दिए। इसके साथ ही अपर कलेक्टर राजेश राठौर को आबकारी का विभाग का जिम्मा सौंपा गया है। उनके मुताबिक पिछले दिनों जो घोटाला उजागर हुआ, उसकी जांच पड़ताल भी चल रही है। ठेकेदारों द्वारा जमा किए गए दस्तावेजों और बैंकों से रिकार्ड हासिल किए गए हैं।
पिछले दिनों 4 करोड़ 70 लाख रुपए का आबकारी घोटाला पकड़ाया, जिसके चलते प्रदेश के आबकारी आयुक्त ने सहायक जिला अधिकारी राजीव उपाध्याय और फिर उसके बाद सहायक आयुक्त राजनारायण सोनी को निलंबित कर दिया। कलेक्टर मनीष सिंह ने इस संबंध में प्रमुख वाणिज्यिक कर को जो पत्र भेजा था, उसमें राजस्व की हुई क्षति और जिम्मेदारों की जानकारी दी गई। शराब ठेकेदारों और अधिकारियों के सिंडिकेट ने फर्जी एफडीआर के जरिए शासन को राजस्व का चुना लगाया, लिहाजा अधिकारियों के साथ-साथ ठेकेदार के खिलाफ भी कार्रवाई की गई।
हालांकि कलेक्टर ने इन्दौर जिले में पदस्थ सहायक जिला आबकारी अधिकारियों और उपनिरीक्षकों के भी क्षेत्र यानि वृत बदल दिए। राजीव प्रसाद द्विवेदी को सांवेर के साथ कंट्रोल रूम भेजा और लखनलाल ठाकुर को महू, दिलीपसिंह खंडाते को बालदा कालोनी और वृत महू बालकिशन वर्मा को छावनी वृत क्रमांक 2- राजीव मुदगल को मालवा मिल व पलासिया, किरणसिंह को भोई मोहल्ला और राजमोहल्ला, राजकुमार निगम को मालवा मिल, अवधेश पांडे को काछी मोहल्ला, कमल विश्वकर्मा को बंबई बाजार, राजेश तिवारी को छावनी, लक्ष्मीकांत रामटेके उपनिरीक्षक को वृत मालवा मिल, मीरासिंह को वृत आंतरिक क्षेत्र क्रमांक 2, राकेश सिंह मण्डलोई को भोई मोहल्ला, प्रियंका शर्मा को वृत्त बबई बाजार, भगवानदास अहिरवार उपनिरीक्षक को काछी मोहल्ला, नितिन आशापुरे, महेंशचंद्र पटेल, सोनाली बेंजामिन, डॉ. नीलेश नेमा, आशीष जैन को भी इसी तरह नए क्षेत्रों में पदस्थ किया गया है।
इसी तरह महेंद्र गौड़ को देश मदिरा भंडार गृह के साथ महू उडऩदस्ता प्रभारी, मनोहर खरे को एफएल-10 की जिम्मेदारी सौंपी गई। सुनील मालवीय को बालदा कालोनी, अमरसिंह बघेल को देपालपुर और मनमोहन शर्मा को पलासिया का जिम्मा सौंपा गया। दूसरी तरफ शासन ने बैंक ग्यारंटी और डीडी में हेराफेरी कर करोड़ों का गबन करने वाले आबकारी अफसरों की जांच भी शुरू कर दी है। फिलहाल इन्दौर में सहायक आयुक्त आबकारी का पद खाली है। लिहाजा कलेक्टर ने प्रभारी के रूप में अपर कलेक्टर राठौर को इसकी जिम्मेदारी सौंप रखी है। उनके द्वारा 4 करोड़ 70 लाख रुपए की हेराफेरी की जांच की जा रही है। इस मामले में संबंधित शराब ठेकेदार के खिलाफ भी एफआईआर दर्ज कराने से लेकर अन्य कड़ी कार्रवाई की जा रही है।
©2024 Agnibaan , All Rights Reserved