उज्जैन। इस बार शराब के ठेके लेने में ठेकेदार रूचि नहीं ले रहे हैं। लॉकडाउन के बाद जैसे तैसे उज्जैन जिले का शराब ठेका का टेंडर बिका था, लेकिन ठेकेदार ने अब तक बैंक ग्यारंटी जमा नहीं की। आज शाम के बाद निजी ठेका निरस्त किया जा सकता है और आबकारी विभाग फिर शराब की दुकानें चलाने का निर्णय ले सकता है।
3 जुलाई को उज्जैन जिले की शराब दुकानों का टेंडर स्थानीय ठेकेदार ने 2 अरब 88 करोड़ में लिया था। इसके लिए एक माह के भीतर बैंक ग्यारंटी के 24 करोड़ रूपये जमा करने थे। इस संबंध में आबकारी विभाग ने संबंधित ठेकेदार को 2 नोटिस दिए है, लेकिन ठेेकेदार ने इन नोटिस का जवाब नहीं दिया और डिपाजिट राशि भी जमा नहीं की। इस पर आबकारी विभाग ने आज शाम तक का ठेकेदार को समय दिया है। यदि ठेकेदार द्वारा बैंक ग्यारंटी डिपाजिट राशि जमा नहीं कराई गई तो कल से फिर आबकारी विभाग दुकानों का अधिग्रहण कर सकता है और दुकानें चला सकता है। उल्लेखनीय है कि इस बार लॉकडाउन के चलते मार्च में आबकारी विभाग के ठेके नहीं हो पाए थे। जैसे-तैसे लॉकडाउन के बाद आबकारी विभाग ने शराब की दुकाने संचालित की थी और आबकारी विभाग के अधिकारियों ने खूब घपला किया था और इसके बाद उज्जैन के स्थानीय ठेकेदार ने 2 अरब 88 करोड़ में ठेका लिया, लेकिन एक महीने दुकान चलाने के बाद वे भी बैंक ग्यारंटी भरने की स्थिति में नहीं है। ऐसे में इस बार शराब से होने वाली कमाई में सरकार को असर पड़ेगा।
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