इंदौर। कांग्रेस (Congress) छोडक़र भाजपा (BJP) में आए नेताओं को एक साल हो गया, लेकिन अभी तक उनका राजनीतिक पुनर्वास (political rehabilitation) नहीं हो पाया है। इनमें से प्रमोद टंडन और विपिन खुजनेरी (Pramod Tandon and Vipin Khujneri) को छोड़ दिया जाए तो दूसरे नेताओं को अभी तक भाजपा में कोई पद नहीं मिला है। कुछ नेता लाभ के पद की आस लिए शासकीय समितियों (government committees) में जाने की उम्मीद लगाए बैठे हैं।
भाजपा ने कांग्रेस के रिकॉर्डेड अध्यक्ष रहे प्रमोद टंडन और पूर्व पार्षद विपिन खुजनेरी को कार्यसमिति का सदस्य बना दिया है। हालांकि ये दोनों ही पद इतने बड़े नहीं हैं, लेकिन पहली बार में इन पदों पर इन दो नेताओं की नियुक्ति कर भाजपा ने संकेत दिए थे कि दूसरे नेताओं को भी जल्द ही उपकृत किया जाएगा, लेकिन एक साल से ज्यादा बीतने के बावजूद दीपक राजपूत (Deepak Rajput), पवन जायसवाल (Pawan Jaiswal), मोहन सेंगर (Mohan Sengar), राजू चौहान (Raju Chauhan), पप्पू शर्मा (Pappu Sharma), राजेश पांडे (Rajesh Pandey) जैसे नेताओं का अभी तक राजनीतिक पुनर्वास नहीं हुआ है। हालांकि ये भाजपा के कार्यक्रमों में कम, मंत्री तुलसी सिलावट (Minister Tulsi Silavat) के आगे-पीछे ज्यादा नजर आते हैं। अभी तक नगर की कार्यकारिणी लंबित पड़ी है और इनमें से एक-दो नेताओं को उपकृत किया जा सकता है। बाकी को शासकीय समितियों के सदस्यों के रूप में नियुक्ति देने पर भी विचार चल रहा है। सूत्रों का कहना है कि इसी माह शासकीय विभागों में बनने वाली समितियों में सदस्यों की नियुक्ति की जाना है।
©2024 Agnibaan , All Rights Reserved