एयरपोर्ट की बिगड़ी ट्रैफिक, पार्किंग, एंट्री-एक्जिट और पास की व्यवस्था संभालेंगे, एयरपोर्ट अथॉरिटी ने जारी किए टेंडर
इंदौर, विकाससिंह राठौर। इंदौर के देवी अहिल्याबाई होलकर अंतरराष्ट्रीय विमानतल (Indore’s Devi Ahilyabai Holkar International Airport) की सुरक्षा और व्यवस्था में जल्द ही एक्स आर्मी मैन तैनात नजर आएंगे। ये एक्स आर्मी मैन एयरपोर्ट की बिगड़ी ट्रैफिक, पार्किंग, एंट्री-एक्जिट और पास जैसी व्यवस्थाएं संभालेंगे। इससे न सिर्फ ये व्यवस्थाएं दुरुस्त होंगी, बल्कि रिटायर्ड हो चुके सैनिकों को भी रोजगार मिल सकेगा।
एयरपोर्ट अथॉरिटी ऑफ इंडिया ने हाल ही में इंदौर एयरपोर्ट पर पूर्व सैनिकों को बतौर सिक्योरिटी गार्ड नियुक्त करने के टेंडर जारी करते हुए इन्हें उपलब्ध करवाने वाली कंपनियों को आमंत्रित किया है। अधिकारियों ने बताया कि केंद्र शासन के अधीन आने वाले डायरेक्टोरेट जनरल रीसेटलमेंट (डीजीआर) के अंतर्गत पूर्व सैनिकों को रोजगार से जोड़े रखने के लिए सभी सरकारी और निजी कंपनियों को अपने यहां पूर्व सैनिकों को नियुक्त करने के नियम हैं। इसी के अंतर्गत इंदौर एयरपोर्ट पर भी सुरक्षा और व्यवस्था संभालने के लिए डीजीआर सिक्योरिटी गाड्र्स की नियुक्ति के टेंडर जारी किए गए हैं।
ट्रैफिक और पार्किंग व्यवस्था ठीक करने के लिए करेंगे तैनात
अधिकारियों ने बताया कि अभी जारी टेंडर में दो सालों के लिए सात पूर्व सैनिकों की नियुक्ति की जाएगी। इन्हें मुख्य रूप से एयरपोर्ट परिसर में ट्रैफिक व्यवस्था संभालने के काम में रखा जाएगा। अभी एयरपोर्ट पर निजी गार्ड ये काम करते हैं, लेकिन अकसर लोग टर्मिनल के बाहर नो पार्किंग एरिया में ही वाहनों को पार्क कर देते हैं, जिससे यात्रियों को काफी परेशानी होती है और जाम की स्थिति बनती है। इन्हीं अव्यवस्थाओं को सुधारने के लिए पूर्व सैनिकों को मुख्य रूप से मैदान में उतारा जाएगा। इन्हें मौके पर ही एयरपोर्ट नियमों के तहत कार्रवाई और जुर्माने के अधिकार भी दिए जाएंगे।
2 सालों में 66 लाख होंगे खर्च
टेंडर के अनुसार दो सालों के लिए सात पूर्व सैनिकों की नियुक्ति के लिए जो भी कंपनी आगे आती है, उसे एयरपोर्ट द्वारा 66.10 लाख रुपए दो सालों के लिए दिए जाएंगे। अधिकारियों ने बताया कि केंद्र सरकार ही सैनिक कल्याण के तहत इनका वेतनमान भी तय करती है, जो करीब 30 हजार रुपए प्रतिमाह होता है, जबकि सामान्य रूप से सिक्योरिटी गाड्र्स 12 से 15 हजार रुपए प्रतिमाह में उपलब्ध होते हैं। लेकिन पूर्व सैनिकों की देशभक्ति और कड़ी ट्रेनिंग के कारण वे सामान्य लोगों से कहीं बेहतर होते हैं और सेवानिवृत्ति के बाद भी निष्ठा से काम करते हैं। इसे देखते हुए ही उनके कल्याण के लिए रोजगार देने की यह व्यवस्था बनाई गई है।
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