भोपाल। उपचुनाव-2020 के परिणाम सामने आते ही अब चुनावी क्षेत्रों में आचार संहिता भी हट गई है। 29 अक्टूबर से लगी आचार संहिता के कारण विकास कार्य व योजनाओं को लेकर ब्रेक लगा हुआ था जिसके लिए अब अफसर प्लानिंग करेंगे। वहीं मतगणना पूरी होते ही ईवीएम की सीलिंग की कार्रवाई शुरु हुई हो गई है। ईवीएम के वोट 45 दिन तक इलेक्शन पिटीशन के कारण सुरक्षित रहेंगे। स्पेशल सील लगने के बाद विधानसभा वार ईवीएम मशीनों को स्ट्रांग रूम में कड़ी सुरक्षा में बंद कर दिया गया है। वहीं प्रत्याशियों के खर्च का ब्यौरा भेजने के लिए अब एक माह का समय रहेगा। खर्च में सबसे आगे डबरा विधानसभा से भाजपा प्रत्याशी रहीं इमरती देवी थीं। ज्ञात रहे कि पहले कोरोना और फिर उपचुनाव की तैयारियों के बीच आमजन के कामकाज ठप हो गए थे। बुनियादी सुविधाओं से लेकर शहर विकास की योजनाओं की गति को पूरी तरह ब्रेक लग गया था। अब कोरोना संक्रमण थोड़ा कंट्रोल में होने के बाद और चुनाव से प्रशासन की फुर्सत होते ही रूटीन काम और योजनाओं पर फोकस किया जाएगा।
इसलिए 45 दिन तक सुरक्षित रहते हैं वोट
भारत निर्वाचन आयोग की गाइडइलाइन के अनुसार 45 दिन तक मतगणना के बाद से ईवीएम के वोटों को सुरक्षित रखा जाता है। इस दौरान यदि किसी प्रत्याशी की ओर से हाइकोर्ट में री-पोल के लिए याचिका लगाई जाती है तो स्वीकार होने की स्थिति में री-पोल हो सके,इसलिए यह वोट सुरक्षित रखे जाते हैं।
अफसर-अमले की थकान,दफ्तरों में रहा सन्नाटा
मतदान और मतगणना की प्रक्रिया पूरी होने के बाद चुनाव की डयूटी में लगे अधिकारियों और कर्मचारियों को अब फुर्सत मिली है। चुनाव के काम की थकान भी तगड़ी हुई इसलिए सरकारी दफ्तरों में सन्नाटा रहा। वहीं मतगणना में ईवीएम सहित मशीनों और चुनाव की जानकारी भेजने के काम में भी अमला लगा रहा। कलेक्ट्रेट से लेकर अधिकतर सभी दफ्तरों में सन्नाटे का माहौल रहा। एक-दो अधिकारी और चुनिंदा स्टाफ ही नजर आया।
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