जालंधर। पाकिस्तान की खुफिया एजेंसी आईएसआई (Pakistan’s intelligence agency ISI) की तरफ से पंजाब (punjab) में स्लीपर सेल (sleeper cell) को बढ़ावा दिया जा रहा है और उनको पैसे के अलावा अन्य प्रलोभन दिए जा रहे हैं। भारतीय केंद्रीय गुप्तचर एजेंसियों के अनुसार पंजाब में जमीन के भीतर काफी करंट पैदा हो रहा है और इसमें गैंगस्टर व बेरोजगार युवकों को खालिस्तान लहर (Khalistan wave) से जोड़ा रहा है।
हरियाणा में पंजाब के आतंकियों से विस्फोटक सामग्री बरामद होने के चंद घंटों में हिमाचल के विधानसभा के बाहर खालिस्तान जिंदाबाद के पोस्टर व तरनतारन में आरडीएक्स की बरामदगी से यह साफ हो गया है कि सूबे में आतंकवाद के काले बादल मंडरा रहे हैं।
पाकिस्तान की खुफिया एजेंसी आईएसआई की तरफ से पंजाब में स्लीपर सेल को बढ़ावा दिया जा रहा है और उनको पैसे के अलावा अन्य प्रलोभन दिए जा रहे हैं। भारतीय केंद्रीय गुप्तचर एजेंसियों के अनुसार पंजाब में जमीन के भीतर काफी करंट पैदा हो रहा है और इसमें गैंगस्टर व बेरोजगार युवकों को खालिस्तान लहर से जोड़ा रहा है। गैंगस्टर हरविंदर सिंह रिंदा के पाक पहुंचने और वहां से गैंगस्टर जयपाल भुल्लर और दिलप्रीत बाबा से संपर्क ने केंद्रीय एजेंसियों को नए सिरे से होमवर्क करने के लिए मजबूर कर दिया है।
दरअसल, पंजाब में आतंकवाद को जिंदा करने की नापाक कोशिश लंबे समय से पाकिस्तान द्वारा की जा रही है, जिसके लिए पंजाब से फरार होकर पाकिस्तान में शरण ले चुके आतंकवादी बब्बर खालसा चीफ वधावा सिंह, खालिस्तान जिंदाबाद फोर्स के चीफ रंजीत सिंह नीटा, इंडियन सिख यूथ फेडरेशन के चीफ भाई लखबीर सिंह रोडे, खालिस्तान कमांडो फोर्स के परमजीत सिंह पंजवड़ का इस्तेमाल खुले तौर पर पाक की खुफिया एजेंसी आईएसआई कर रही है।
गत वर्ष अमृतसर के खासा इलाके में 15 और 16 अगस्त की मध्यरात्रि हैंड ग्रेनेड और पिस्तौल के साथ गिरफ्तार सुल्तानविंड रोड के अमृतपाल सिंह को गिरफ्तार किया गया था, जो पिछले पांच वर्षों से आतंकी संगठन बब्बर खालसा इंटरनेशनल (बीकेआई) के लिए स्लीपर सेल के रूप में काम कर रहा था। वह अपने साथ अन्य स्लीपर सेल बनाने की योजना पर काम कर रहा था।
चौंकाने वाली बात है कि बब्बर खालसा के यूके के रहने वाले आतंकी गुरप्रीत सिंह खालसा ने उसे तैयार किया था और अमृतपाल ने काफी युवाओं को इसका हिस्सा बना दिया था। उसकी नजर में वह युवा होते थे बेरोजगारी के कारण हताश होते थे।
इंडियन सिख यूथ फेडरेशन के चीफ लखबीर सिंह रोडे ने ड्रोन के जरिये पंजाब में टिफिन बम भेजे थे, जिसका मकसद पंजाब में दहशत फैलाना था। एनआईए की जांच में सामने आया कि रोडे ने पंजाब में जबरदस्त स्लीपर सेल का नेटवर्क तैयार कर रखा है, जिसमें 200 के करीब युवाओं को जोड़ा जा चुका था। टिफिन बम बरामद होने के बाद भी एजेंसियां काफी हिस्सा इसलिए नहीं खोज पाई हैं, क्योंकि स्लीपर सेल ने टिफिन बम एक स्थान से दूसरे स्थान पर पहुंचा दिए थे और इसकी जानकारी आज तक एजेंसियों को नहीं मिल पाई है कि स्लीपर सेल के कौन से युवा थे, जो टिफिन बम लेकर निकल गए।
केंद्रीय एजेंसियों के आला अधिकारियों के मुताबिक पंजाब में गैंगस्टर कल्चर काफी बढ़ चुका है और 5 हजार से अधिक युवा गैंगस्टरों के साथ जुड़े हुए हैं और इतना ही नहीं, पंजाब में बेरोजगारी की दर बाकी सूबों के मुकाबले में अधिक है। राज्य में बेरोजगारी की दर 7.4 प्रतिशत है, जो केंद्रीय बेरोजगारी दर 4.8 प्रतिशत से काफी अधिक है। इसका असर भी आतंकवाद को जिंदा करने की कोशिश पर हो रहा है। पंजाब के युवा हताश व निराश हैं, इसलिए उनको लालच के जाल में फंसाया जाना आसान है।
यही वजह कि सिख फॉर जस्टिस आतंकवादी संगठन के चीफ गुरपतवंत सिंह पन्नू व उनके साथी पंजाब के युवाओं को लालच देकर फंसा रहे हैं। हाल ही में मलेरकोटला में सरकारी कार्यालय के बाहर खालिस्तान का झंडा लहराया गया तो हिमाचल में भी शिमला स्थित विधानसभा के बाहर पोस्टर व दीवारों पर देश विरोधी शब्द लिखे गए। इससे पहले भी मोगा के डीसी कार्यालय पर खालिस्तानी झंडा लहराया गया था, जिसमें स्लीपर सेल का इस्तेमाल किया गया था।
एजेंसियों के अधिकारियों के मुताबिक, चंडीगढ़ के बुड़ैल जेल को उड़ाने की कोशिश की गई थी। इस जेल में कई खालिस्तानी कट्टरपंथी और गैंगस्टर बंद हैं। जेल की पिछली दीवारों के पास डेटोनेटर और तार मिले थे। इसी जगह पर साल 2004 में 109 फुट सुरंग खोदी गई थी। इस सुरंग के सहारे पंजाब के तत्कालीन मुख्यमंत्री बेअंत सिंह के हत्यारे परमजीत सिंह भौरा, जगतार सिंह हवारा, जगतारा सिंह तार और रसोइया देवी सिंह फरार हो गए थे।
आईबी के वरिष्ठ अधिकारियों के मुताबिक, इटली, कनाडा और अमेरिका के अलावा पाकिस्तान के देशद्रोही समूह लोगों को उकसा रहे हैं और पंजाब की स्थिति को बिगाड़ने का प्रयास कर रहे हैं। 15 अप्रैल को खालिस्तानी आतंकी संगठन सिख फॉर जस्टिस के प्रमुख गुरपतवंत सिंह पन्नू ने हरियाणा के जिलाधिकारियों के कार्यालयों पर खालिस्तान का झंडा फहराने की अपील की थी। पन्नू ने ‘हरियाणा बनेगा खालिस्तान’ नाम से एक पत्र जारी किया था। इसमें उसने गुरुग्राम के डीसी ऑफिस पर 29 अप्रैल को खालिस्तान का झंडा लगाने का एलान किया था। इसके साथ ही खालिस्तान के लिए हरियाणा में रेफरेंडम की बात भी कही थी।
जस्टिस फॉर सिख के आतंकवादी गुरपतवंत सिंह पन्नू ने एलान किया था कि भारत के पंजाब में अगर कोई भी व्यक्ति खालिस्तान का झंडा फहराता है तो उसे 2500 डॉलर का इनाम दिया जाएगा। अगर कोई लाल किला दिल्ली में जाकर खालिस्तान का केसरी झंडा लहराएगा तो उसे सवा लाख डालर का इनाम दिया जाएगा। इसके बाद से ही पंजाब में पन्नू के स्लीपर सेल एक्टिव हैं और युवाओं को जोड़कर उनको बहका रहे हैं।
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