इंदौर। इंदौर जिले में कोरोना महामारी (corona pandemic) के दौरान माता-पिता को खोने वाले बच्चों के लिए प्रधानमंत्री केयर्स फॉर चिल्ड्रन योजना (PM Cares for Children Scheme) के तहत अनाथ बच्चों (orphans) को दी जाने वाली 10 लाख रुपए की सहायता (Help) के लिए 16 दावेदार बच्चों की जांच में 15 बच्चों के माता-पिता की मौत कोरोना से होने की पुष्टि नहीं होने के प्रमाण मिले हैं। केवल एक बच्चा पात्र पाया गया।
महिला बाल विकास अधिकारियों को कुल 16 प्रकरणों की जांच के आदेश दिए गए थे। जांच में 15 अनाथ बच्चों के माता-पिता की मृत्यु कोरोना (parents death corona) से होने का प्रमाण (Proof) नहीं मिला। सिर्फ एक प्रकरण ही जांच रिपोर्ट (investigation report) में सही मिला, इसलिए उसे योजना का लाभ देने के लिए शामिल किया गया है। जांच रिपोर्ट कलेक्टर (report collector) के पास भेजी गई, जिसके आधार पर एक पात्र बच्चे को मदद में शामिल किया जाएगा।
स्वीकृत 28 प्रकरणों में मुख्य डाकघर में खोले खाते
इस योजना में इंदौर जिले में कुल 28 बालक-बालिकाओं के प्रकरण कलेक्टर मनीष सिंह (Collector Manish Singh) द्वारा पिछले दिनों स्वीकृत किए गए हैं। बालक-बालिकाओं के संयुक्त खाते मुख्य पोस्ट ऑफिस (post office jpo) जीपीओ में खोल दिए गए हैं।
23 साल पूरे होने पर मिलेंगे 10 लाख रुपए
योजना अंतर्गत पात्र बालक-बालिकाओं को 23 वर्ष की आयु पूर्ण होने पर 10 लाख रुपए की आर्थिक सहायता प्रदान की जाएगी। योजना अंतर्गत पात्र बालक-बालिकाओं को आर्थिक सुरक्षा प्रदान की जाएगी, ताकि वे शिक्षा आदि भी हासिल कर सकें। योजना अंतर्गत ऐसे बालक-बालिका, जिन्होंने 11 मार्च 2020 से 31 दिसंबर 2021 के मध्य अपने माता-पिता, कानूनी अभिभावक (legal guardian) या दत्तक ग्रहण माता-पिता को कोरोना से खो दिया है, वे सभी पात्र हैं। योजना के तहत 23 वर्ष की आयु पूर्ण होने पर एकमुश्त 10 लाख रुपए प्रदान किए जाएंगे।
10 साल से कम उम्र वाले बच्चों को नि:शुल्क पढ़ाएंगे
योजना अंतर्गत 10 साल से कम उम्र के बच्चों को नि:शुल्क पढ़ाया जाएगा। किसी भी नजदीकी स्कूल, सरकारी स्कूल और केंद्रीय विद्यालय में प्रवेश दिलाया जाएगा। सरकारी स्कूलों में समग्र शिक्षा अभियान के तहत कॉपी-किताब आदि नि:शुल्क मिलेंगे।
©2024 Agnibaan , All Rights Reserved