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    सबकी मांग, शहर के स्थानीय नेता को ही मिले महापौर का टिकट

  • June 14, 2022

    इंदौर। डॉ. निशांत खरे को भाजपा का महापौर प्रत्याशी (BJP mayor candidate) बनाने को लेकर कल भाजपा में विरोध के स्वर उठने लगे। किसी भी नेता ने सार्वजनिक तौर पर अपनी जुबान तो नहीं खोली, लेकिन अपने समर्थकों के मार्फत जोरदार विरोध किया। हालांकि खरे का नाम टलता नजर आ रहा है और स्थानीय नेता को ही टिकट देने की बात कही जा रही है। शहर के सभी नेताओं ने अपने बड़े नेताओं को बता दिया था कि अब बाहरी व्यक्ति नहीं चलेगा और इंदौर के किसी भी स्थानीय व्यक्ति पर निर्णय हो जाता है तो वह उन्हें मान्य होगा।


    वैसे इंदौर में ही डॉ. खरे का समर्थन केवल एक विधायक द्वारा किया जा रहा था। जाहिर तौर पर किसी ने विरोध नहीं किया, लेकिन अंदर ही अंदर नेता बाहरी व्यक्ति को शहर की राजनीति में उतारने के खिलाफ थे। इसके पहले संभागीय संगठन मंत्री रहे जयपालसिंह चावड़ा को इंदौर विकास प्राधिकरण का अध्यक्ष बनाने के मामले में स्थानीय नेता विरोध जाहिर न कर, उसे पी गए थे, लेकिन अब जब महापौर प्रत्याशी के रूप में डॉ. खरे का नाम उछला तो नेताओं ने विरोध कर दिया। कल जब खरे का नाम चल रहा था,  तब ग्रामीण क्षेत्र के नेता भाजपा कार्यालय पर मौजूद थे। उनसे जब प्रतिक्रिया जानना चाही तो वे कुछ भी कहने से बचते रहे। कुछ ने अनौपचारिक चर्चा में कहा कि ऐसे तो इंदौर में भाजपा की राजनीति ही खत्म हो जाएगी और संघ के लोगों को सत्ता में बैठा दिया जाएगा तो हमारा काम क्या बचेगा? क्या हम लोग केवल दरी बिछाने और पार्टी के आयोजनों में भीड़ बढ़ाने के लिए ही रहेंगे? इसी के साथ ही शहर के नेताओं ने भी इसको लेकर विरोध जाहिर किया, लेकिन अपनी जुबान नहीं खोली। सभी का कहना था कि ऐसे तो हमारी राजनीति की दुकान ही बंद हो जाएगी। हालांकि कई नेताओं ने अपनी बात अपने वरिष्ठ नेताओं तक पहुंचा दी। मुख्यमंत्री जब दिल्ली से लौटे तो डॉ. खरे का नाम ही पहले नंबर पर चल रहा था, लेकिन जब चारों ओर से विरोध के स्वर भोपाल पहुंचने लगे तो निर्णय में बदलाव करने की बात कही जा रही है। आज दोपहर तक तय हो जाएगा कि इंदौर में भाजपा का महापौर प्रत्याशी कौन रहेगा। सभी नेताओं ने एकमत से कह दिया है कि टिकट किसी को भी दो, वह स्थानीय होना चाहिए।

    संघ और भाजपा की ओर से शुरू हो गया था मैनेजमेंट

    सोशल मीडिया पर डॉ. खरे का विरोध करने वाली पोस्ट के बाद संघ और भाजपा का आईटी सेल सक्रिय हुआ और डॉ. खरे के पक्ष में मैसेज चलाना शुरू किए। डॉ. खरे ने कोरोना काल में क्या-क्या किया और उनके द्वारा संघ में किए गए कामों को लेकर बखान शुरू कर दिया। संगठन के लोगों द्वारा मैसेज चलाए गए कि डॉ. खरे ही थे, जिन्होंने कोरोना काल में शहर को विभीषिका से बचाया और दवा से लेकर मेडिकल संसाधन जुटाने में मदद की। इसके साथ ही सांसद और विधायकों के साथ स्थानीय प्रशासनिक अधिकारियों को दरकिनार कर यह भी मैसेज चलाए गए कि डॉ. खरे ने राधास्वामी सत्संग न्यास में कोरोना मरीजों की व्यवस्था करने के मामले में व्यक्तिगत रुचि ली और समयावधि में वहां सेंटर बनाकर लोगों को राहत दी। यही नहीं, डॉ. खरे को इंदौर का विकास करने वाला भी बता दिया गया।

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