भोपाल। प्रदेश में कोरोना संक्रमण (Corona Infection) तेजी से कम हो रहा है। इसके बावजूद भी कोरोना (Corona) का खतरा बरकरार रहेगा। देश की प्रमुख संस्थानों ने आंकड़े जारी किए हैं कि यदि लोग मास्क (Mask) लगाते हैं फिर मप्र (MP) में 15 जून तक डेढ़ हजार प्रकरण रोजाना आते रहेंगे। देश के प्रमुख संस्थानों का महामारी विज्ञान संबंधी तुलनात्मक अध्ययन प्रस्तुत किया गया। अध्ययन में मुख्य रूप से यह बात सामने आई कि मप्र में कोरोना संक्रमण (Corona Infection) आगे भी निरंतर कम होगा।
आईआईटी कानपुर तथा आईआईटी हैदराबाद (IIT Kanpur and IIT Hyderabad) के अध्ययन में बताया गया कि आगामी 15 जून तक मध्य प्रदेश (Madhya Pradesh) में कोरोना (Corona) के 15 सौ प्रकरण प्रतिदिन आएंगे। वहीं सेंटर फॉर मैथमेटिकल मॉडलिंग फॉर इनफेक्शियस डिजीज (Center for Mathematical Modeling for Infectious Diseases) ने बताया कि आगामी दिनों में नए प्रकरणों की संख्या 500 से 1400 तक रहेगी। इंस्टिट्यूट फॉर हेल्थ मैट्रिक्स एंड इवैल्यूएशन (Institute for Health Matrix and Evaluation) के अध्ययन में बताया गया कि यदि शत-प्रतिशत व्यक्ति मास्क पहनते हैं तो आगामी एक सितंबर तक प्रकरणों की औसत संख्या 24 सौ प्रतिदिन रहेगी। जानी मानी संस्था जॉन हापकिंस यूनिवर्सिटी (John hapkins university), यूनिवर्सिटी ऑफ मिशिगन (University of michigan), दिल्ली स्कूल ऑफ इकोनॉमिक्स (Delhi School of Economics), इंस्टीट्यूट फॉर हेल्थ मैट्रिक्स एंड इवैल्यूएशन (Institute for Health Matrix and Evaluation), सेंटर फॉर मैथमेटिकल मॉडलिंग फॉर इनफेक्शियस डिजीज (Center for Mathematical Modeling for Infectious Diseases), आईआईटी कानपुर (IIT Kanpur), आईआईटी हैदराबाद तथा इंडियन इंस्टीट्यूट ऑफ साइंस बेंगलुरु (IIT Hyderabad and Indian Institute of Science Bangalore) के तुलनात्मक अध्ययन में इस बात पर विशेष जोर दिया गया कि आने वाले समय में भी संक्रमण (Infection) रोकने के लिए मास्क (Mask) लगाना, सोशल डिस्टेंसिंग (Social Distancing) रखना तथा वैक्सीनेशन (Vaccination) जरूरी होगा।
ट्रेसिंग, क्वॉरेंटाइन और टेस्टिंग आवश्यक
अध्ययनों में बताया गया है कि आगामी समय में संक्रमण रोकने के सघन ट्रेसिंग, क्वारेंटाइन तथा टेस्टिंग की आवश्यकता होगी। कोरोना की तीसरी लहर को रोकने के लिए आगामी समय में कोविड अनुरूप व्यवहार, वैक्सीनेशन तथा कोरोना के नए वेरिएंट को ढूंढऩा जरूरी होगा।
18 से 44 वर्ष आयु वर्ग के सर्वाधिक प्रभावित
मप्र में 60 वर्ष से अधिक उम्र वालों के कोरोना प्रकरणों में कमी आई है, वही सर्वाधिक प्रकरण 18 से 45 वर्ष आयु समूह के हैं। जनवरी माह से तुलना करने पर 60 वर्ष से अधिक उम्र वाले लोगों के प्रकरण 20 फीसदी से घटकर 13 फीसदी हो गए हैं। 45 से 60 वर्ष तक की उम्र वाले लोगों के 25 फीसदी से घटकर 22 फीसदी रह गए हैं।
कम प्रभावित क्षेत्रों में अधिक सतर्कता आवश्यक
अध्ययन में बताया गया है कि ऐसे क्षेत्र जहाँ संक्रमण का कम असर है, वहाँ पर अधिक सतर्कता की आवश्यकता है। वहाँ सघन सर्वे किया जाना चाहिए। जहाँ संक्रमण कम है, वहाँ भविष्य में अधिक संक्रमण की आशंका है। आने वाले समय में मध्यप्रदेश के ग्रामीण क्षेत्रों में अधिक सतर्कता बरते जाने की जरूरत है।
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