श्रीनगर । जम्मू-कश्मीर के मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला (Jammu-Kashmir Chief Minister Umar Abdullah) ने कहा कि घाटी में आतंकवाद के खात्मे के लिए (To end Terrorism in the Valley) सबको साथ मिलकर काम करना होगा (Everyone will have to Work Together) । मीडिया से बातचीत में उन्होंने कठुआ, बिलावर, राजौरी और पुंछ जैसे इलाकों में बढ़ती घटनाओं का जिक्र किया।
उमर अब्दुल्ला ने कहा, “जम्मू के कई इलाके, जैसे कठुआ और बिलावर, निशाने पर हैं। यह सिर्फ इन जगहों तक सीमित नहीं है। राजौरी और पुंछ में भी ऐसी घटनाएं हो रही हैं। कुछ लोग बीच-बीच में कोठियां बनाकर सरहद के पास आए हो सकते हैं। लेकिन, अभी कुछ पक्का कहना जल्दी होगी। पहले देखना होगा कि वहां कोई मिलता है या नहीं।” उन्होंने बताया कि कठुआ के हालात अब ठीक हैं, लेकिन जम्मू बेल्ट को लगातार टारगेट किया जा रहा है।
उन्होंने आतंकवाद पर कहा, “यह हमारी सीधी जिम्मेदारी नहीं है, लेकिन मैं बार-बार कहता हूं कि बिना लोगों का साथ लिए आतंक का खात्मा मुमकिन नहीं। चुनी हुई सरकार कोशिश कर रही है कि हालात काबू में रहें और जम्मू-कश्मीर में अमन बना रहे। हम इसमें हाथ बटा रहे हैं।” उमर का मानना है कि लोगों का सहयोग बहुत जरूरी है, वरना हालात सुधारना मुश्किल होगा।
उमर ने वक्फ संशोधन विधेयक को लेकर भी अपना पक्ष रखा साथ ही अलग-अलग इलाकों में लोगों पर हो रहे हमलों पर भी बात की। उन्होंने कहा, “एक ही मजहब को टारगेट किया जा रहा है, जो ठीक नहीं। हर मजहब के अपने दायरे और चैरिटेबल काम होते हैं। मुसलमानों में यह ज्यादातर वक्फ के जरिए होता है। सिर्फ एक मजहबी दायरे को चुनकर निशाना बनाना गलत है और इससे तनाव बढ़ेगा।”
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