नई दिल्ली । जम्मू-कश्मीर (Jammu and Kashmir)के पूर्व मुख्यमंत्री और नेशनल कॉन्फ्रेंस चीफ फारूक अब्दुल्ला(National Conference Chief Farooq Abdullah) के एक बयान से फिर बवाल खड़ा हो गया है। उन्होंने घुसपैठ के लिए आतंकियों(terrorists for infiltration) और सुरक्षाबलों की कथित मिलीभगत (Alleged collusion)को जिम्मेदार ठहराया है। वहीं उनके बयान पर डीजीपी आरआर स्वैन ने आपत्ति जताई है। बीजेपी ने भी फारूक अब्दुल्ला पर पलटवार किया है।
फारूक अब्दुल्ला ने कहा, हमारी सीमाओं पर इतनी बड़ी संख्या में जनवानों की तैनाती के बाद भी आतंकी भारत में घुसपैठ करते हैं। सब सब मिले हुए हैं हमारी बर्बादी के लिए। बता दें कि दो दिन पहले ही अनंतनाग में आतंकियों और सुरक्षाबलों के बीच मुठभेड़ में दो जवान शहीद हो गए थे। वहीं दो आतंकी भी ढेर कर दिए गए थे।
जम्मू-कश्मीर के डीजीपी आरआर स्वैन ने कहा कि यह बयान बेहद अपमानजनक है। वहीं बीजेपी का कहना है कि फारूक अब्दुल्ला पहले भी इस तरह के आपत्तिजनक बयान दे चुकें है और उनकी आदत पड़ गई है। डीजीपी स्वैन ने कहा, उनको प्रतिक्रिया देना केवल समय खराब करना है। सुरक्षाबल और अर्द्धसैनिक बल, भारतीय सेना और पुलिस के 7 हजार जवानों की जान गई है। सुरक्षाबल मोर्चे पर होते हैं और वे देश के सबसे बड़े देशभक्त हैं। मैं इतना ही कह सकता हूं।
बीजेपी के सीनियर नेता निर्मल सिंह ने कहा, फारूक अब्दुल्ला अकसर ऐसी मूर्खतापूर्ण बातें करते रहते हैं। उनके बायन को गंभीरता से लेने की जरूरत नहीं है। उनके बैकग्राउंड को समझना चाहिए। ये वही फारूक अब्दुल्ला हैं जिनका फोटो मकबूल भट के साथ है। भट अलगाववादी नेता थे जिसने कश्मीर में आम लोगों और सेना के जवानों पर हमला करवाया था। उसने नेशनल लिबरेशन फ्रंट बनाया जिसे जम्मू-कश्मीर लिबरेशन फ्रंट के नाम से भी जाना जाता है।
सिंह ने कहा, फारूक अब्दुल्ला इस तरह की बातें इसलिए कर रहे हैं क्योंकि उनके बेटे चुनाव में हार गए। बता दें कि बारामूला सीट से इस बार उमर अब्दुल्ला निर्दलीय प्रत्याशी इंजीनियर राशिद के सामने हार गए थे।
©2024 Agnibaan , All Rights Reserved