– भारतीय लोकतंत्र को लोकसभा अध्यक्ष ने बताया दुनिया में सशक्त
भोपाल। भारतीय लोकतंत्र (Indian democracy) दुनिया का सबसे सशक्त लोकतंत्र (most powerful democracy in the world) है। दल से ऊपर उठकर इसकी मर्यादा बनाये रखने की हम सबकी जिम्मेदारी है। यह बात लोकसभा अध्यक्ष ओम बिड़ला (Lok Sabha Speaker Om Birla) ने बुधवार को मध्यप्रदेश विधानसभा द्वारा आयोजित संसदीय उत्कृष्टता सम्मान वितरण समारोह में बतौर मुख्य अतिथि के तौर पर संबोधित करते हुए कही।
कार्यक्रम में लोकसभा अध्यक्ष बिड़ला ने प्रदेश के उत्कृष्ट मंत्रियों, विधायकों और पत्रकारों के साथ विधानसभा कर्मचारियों को सम्मानित भी किया। इस दौरान उन्होंने मंच पर मौजूद विधानसभा अध्यक्ष गिरीश गौतम के प्रयासों की सराहना की। समारोह में मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान, संसदीय कार्यमंत्री नरोत्तम मिश्रा, चयन समिति के अध्यक्ष डॉ सीताशरण शर्मा के साथ लोकसभा में महासचिव उत्पल सिंह प्रमुख रूप से मौजूद थे।
लोकसभा अध्यक्ष बिड़ला ने कहा कि बीते 75 वर्षों में देश की जनता का विश्वास लोकतंत्र पर बढ़ा है। उन्होंने दुनिया की सबसे सही और सशक्त पद्धति की विशेषता यह कहते हुए बताई कि 17 से ज्यादा लोकसभा और 300 से ज्यादा विधानसभा चुनाव के बाद भी आसान तरीके से सत्ता हस्तांतरण का सलीका इसे दुनिया में अलग खड़ा करता है।
उन्होंने संसदीय संस्थाओं में आ रही गिरावट की ओर ध्यान आकृष्ट कराते हुए कहा कि बीते दिनों शिमला में हुए पीठासीन अधिकारियों के सम्मेलन में यह चिंता सामने आई है। लिहाजा इस बात की तरफ प्रमुखता से ध्यान देने की जरूरत है जिससे सदनों की शालीनता, मर्यादा न केवल कायम रहे बल्कि गरिमा भी बनी रहे। इसलिए सभी की सामूहिक जिम्मेदारी है कि इस पर सब दलगत नीति से ऊपर उठकर विचार करें। बिड़ला ने सदनों में अपनाये जाने वाले मौजूदा विरोध के तरीके को चिंताजनक मानते हुए कहा कि लोकसभा इस विषय पर प्रमुखता से विचार करेगी।
इसके पहले विधानसभा अध्यक्ष गिरीश गौतम ने पुरस्कारों की घोषणा की। उन्होंने विधायकों को विधानसभा की आत्मा बताते हुए कहा कि इनके द्वारा यहां जनता के कल्याण के निमित्त किया गया विमर्श अमृत के समान है। इसलिये जरूरत है कि अमृत मंथन में ध्यान दिया जाये। इसके साथ ही उन्होंने पुरस्कार पाने वाले व्यक्तियों की जिम्मेदारी बताते हुए कहा कि सम्मान के बाद इसके सम्मान को बनाये रखने का भार आ जाता है।
कार्यक्रम में मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने कहा कि विधानसभा ईंट गारे का भवन नहीं है। यह लोकतंत्र का मंदिर है और विधायक इसकी आत्मा है। इनकी जवाबदेही जनता व लोकतंत्र के प्रति है। आचरण व व्यवहार गरिमा के अनुरूप होना चाहिये। इस दौरान उन्होंने सभी मंत्रियों की सराहना भी की।
संसदीय कार्यमंत्री नरोत्तम मिश्रा ने लोकसभा अध्यक्ष व विधानसभा अध्यक्ष से अनुरोध किया कि जनहित की बात को सरकार तक पहुंचाने का यह सदन माध्यम है। बावजूद इसके विरोध के तरीके गलत होने से विधानसभा की आस्था को चोट पहुंचती है। इसलिये इस बात की आवश्यकता है कि इस पर भी गंभीरता से विचार किया जाये और कोई नियम तय किये जाएं। कार्यक्रम में लोकसभा अध्यक्ष बिड़ला ने विभिन्न पुरस्कारों से मंत्रियों-विधायकों और पत्रकारों को सम्मानित किया।
इनका हुआ सम्मान
उत्कृष्ट मंत्री: चिकित्सा शिक्षा मंत्री विश्वास सारंग, संसदीय कार्य मंत्री नरोत्तम मिश्रा, नगरीय प्रशासन मंत्री भूपेंद्र सिंह और वित्त मंत्री जगदीश देवड़ा।
उत्कृष्ट विधायक: झूमा सोलंकी, यशपाल सिंह सिसोदिया और जयवर्धन सिंह
विशेष उत्कृष्ट श्रेणी विधायक : बहादुर सिंह चौहान
पत्रकारिता प्रिंट: राकेश अग्रिहोत्री और धर्मेंद्र पैगवार
इलेक्ट्रानिक : प्रवीण दुबे और शैफाली पांडेय
विधानसभा: प्रमुख सचिव एपी सिंह, अवर सचिव नारायण गौर व अनुभाग अधिकारी रविंद दुबे
चयन समिति के फिर अध्यक्ष बने सीताशरण शर्मा
पूर्व विधानसभा अध्यक्ष डॉ. सीताशरण शर्मा को चयन समिति का फिर से अध्यक्ष बनाया गया है। विधानसभा अध्यक्ष गिरीश गौतम ने इसकी घोषणा की। बता दें कि संसदीय उत्कृष्ट का सम्मान पुरस्कार वितरण का समारोह विधानसभा के मानसरोवर कक्ष में आयोजित किया गया था। यहां 2008 से बंद रहे पुरस्कारों को एक बार फिर से शुरू किया गया है। प्रदेश के पहले मुख्यमंत्री पं. रविशंकर शुक्ल, नेता प्रतिपक्ष सुंदरलाल पटवा व जमुना देवी के साथ पहले अध्यक्ष कुंजीलाल दुबे और माणिक चंद्र बाजपेयी की स्मृति में यह पुरस्कार प्रदान किये गये हैं। (एजेंसी, हि.स.)
©2024 Agnibaan , All Rights Reserved