आज के इस युग में कईं तरह की स्वस्थ्य संबंंधी बीमारियां हैं जो हमारी खराब दिनचर्या या अन्य किसी कारण के द्वारा हो सकती है । फैटी बॉडी में कोलेस्ट्रॉल बढ़ाने का काम करता है, जिससे दिल से जुड़ी बीमारियां होनेे का खतरा बढ़ता है। जहां लो डेंसिटी वाला लिपोप्रोटीन (एलडीएल) दिल से जुड़ी बीमारियों के खतरे को बढ़ा सकता है, तो वहीं हाई डेंसिटी लिपोप्रोटीन (एचडीएल) कोलेस्ट्रॉल इस रिस्क को कम करता है…
रनिंग या जॉगिंग करें
कोलेस्ट्रॉल और वजन कम करने के लिए रनिंग और जॉगिंग एक बेहतरीन एक्सरसाइज है। ‘वैस्कुलर बायोलॉजी’ में छपी एक रिसर्च भी ऐसा ही कहती है। कुछ रिसर्च में यह भी सामने आया कि हफ्ते में रोज कम से कम 10 मिनट रनिंग या जॉगिंग करने से एचडीएल कोलेस्ट्रॉल के लेवल में काफी सुधार दिखता है। साथ ही, इससे ब्लड प्रेशर भी बैलेंस्ड रहता है। वहीं, ‘जर्नल ऑफ ओबेसिटी’ की मानें तो ज्यादा वजन वाले और मोटापे से पीड़ित लोगों को कोलेस्ट्रॉल कम करने के लिए खाने के बाद टहलना, दौड़ना और साइकिल चलाना चाहिए, इससे एलडीएल कोलेस्ट्रॉल और ट्राइग्लिसराइड के लेवल में सुधार आ सकता है।
साइकिल जरूर चलाएं
जर्नल ऑफ द अमेरिकन हार्ट एसोसिएशन के साइंटिस्ट्स की मानें तो जो लोग रेग्युलर साइकिल चालते हैं, उनमें हाई कोलेस्ट्रॉल डेवलप होने के चांस कम होते हैं। साथ ही, उनका ब्लड प्रेशर नॉर्मल होता है और वे दिमागी तौर पर भी ज्यादा एक्टिव रहते हैं। ऐसा इसलिए होता है क्योंकि साइकिल चलाते वक्त पैर सर्कुलर मोशन में चलता है, जिससे ब्लड पूरी बॉडी में अच्छी तरह पहुंचता है। इस मूवमेंट के दौरान हार्ट काफी एक्टिवली काम करता, जिससे सेहत और बेहतर हो जाती है।
रेजिस्टेंस ट्रेनिंग है मददगार
कई रिसर्च बताती हैं कि हाई कोलेस्ट्रॉल वालों के लिए रेजिस्टेंस ट्रेनिंग बेहद फायदेमंद है। जर्नल एथेरोक्लेरोसिस के एक स्टडी की मानें तो, जिन लोगों ने रेजिस्टेंस ट्रेनिंग में हिस्सा लिया, उनका हाई डेंसिटी वाला लिपोप्रोटीन (एचडीएल) कोलेस्ट्रॉल बाकी लोगों की तुलना में बेहतर था। रिसर्च यह भी बताती है कि कैसे ब्लड सर्कुलेशन का स्मूथ होना, दिल से जुड़ी बीमारियों के खतरे को कम कर देता है। वहीं, अगर रेजिस्टेंस ट्रेनिंग को एरोबिक के साथ किया जाए, तो यह कोलेस्ट्रॉल कम करने के साथ-साथ तेजी से वजन घटाने में भी मदद कर सकती है।
नोटः इन तीनों एक्टिविटीज को रोज 10-10 मिनट दें। अगर आप रोज एक्सरसाइज नहीं करते हैं या काफी वक्त से बंद कर रखी है तो धीरे-धीरे शुरू करें। डॉक्टर से अपनी जांच जरूर करवा लें जिससे वह आपके करेंट हार्ट रेट को मॉनिटर कर सकें।
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