इंदौर, मेघश्याम आगाशे। मिनी मुंबई के नाम से पहचान बनाने वाले इंदौर शहर में दस सालों में जमीन के भाव आसमान छू गए हैं। इसके चलते प्रदेश के अलग-अलग विभागों में पदस्थ भ्रष्ट अफसरों की पहली पसंद इंदौर की जमीन बनी हुई है। पिछले पांच सालों में इंदौर और आसपास के जिलों में लोकायुक्त और ईओडब्ल्यू ने तीन दर्जन से अधिक भ्रष्ट अफसरों के यहां छापा मारकर उनकी करोड़ों की संपत्ति का खुलासा किया है। अधिकारियों की मानें तो इसमें हर तीसरे भ्रष्ट अफसर ने इंदौर की जमीन में निवेश कर रखा था। किसी का इंदौर में फ्लैट तो किसी की जमीन सामने आई। कल उज्जैन ईओडब्ल्यू ने पूर्व पंचायत सचिव संगठन के प्रदेश अध्यक्ष दिनेश शर्मा के यहां छापा मारा तो उसके भी इंदौर में दो फ्लैट निकले।
इंदौर लोकायुक्त पुलिस और ईओडब्ल्यू हर साल एक दर्जन के लगभग भ्रष्ट अफसरों के यहां छापे की कार्रवाई करती हैं। इसके अलावा उज्जैन की टीमें भी लगातार दोनों रेंज में छापे की कार्रवाई करती हैं। पिछले पांच साल में इन दोनों रेंज में लगभग तीन दर्जन भ्रष्ट अफसरों के यहां छापे की कार्रवाई हुई और उनकी करोड़ों की काली कमाई का खुलासा हुआ। अधिकारी चाहे झाबुआ, रतलाम, मंदसौर, धार, उज्जैन, देवास या फिर इंदौर का हो।
इनमें से ज्यादातर ने इंदौर में जमीन या फिर फ्लैट अथवा मकान खरीद रखा था, जिसका खुलासा छापे में हुुआ। ईओडब्ल्यू एसपी उज्जैन दिलीप सोनी, जो पहले इंदौर में लंबे समय तक लोकायुक्त एसपी भी रहे हैं, का कहना है कि गत पांच सालों में दोनों एजेंसियों ने तीन दर्जन से अधिक भ्रष्ट अफसरों को पकड़ा है। हर तीसरे अफसर की इंदौर में संपत्ति मिली है। यही नहीं, भोपाल, ग्वालियर और जबलपुर में पकड़ाए भ्रष्ट अफसरों की भी इंदौर में जमीन निकली है।
एजुकेशन हब होने से बच्चों के लिए खरीदते हैं मकान
एसपी का कहना है कि एक कारण यह भी देखने में आया है कि जिन भ्रष्ट अफसरों के यहां छापे पड़े हैं, उनके बच्चे इंदौर में रह रहे थे या फिर नौकरी कर रहे हैं। उनके लिए इन लोगों ने यहां फ्लैट और मकान ले रखा था। दिनेश शर्मा ने भी बेटे के लिए इंदौर में ये दो फ्लैट खरीद रखे थे। यहां रहकर उसने मेडिकेप्स से इंजीनियरिंग की थी। ऐसे कई मामले सामने आ चुके हैं।
©2024 Agnibaan , All Rights Reserved