रात को 3 बजे जंगल की तरफ हांका वन कर्मचारियों ने
इंदौर। लगातार सर्चिंग ऑपरेशन के बावजूद लगभग 40 दिन बाद भी महू जंगल से सटे रहवासी इलाकों के आसपास जानवरों का शिकार करने वाला तेंदुआ तो नहीं मिला, मगर शनिवार की रात को महू से लगभग 8 किलोमीटर दूर बेरछा गांव के इलाके में 2 शावकों के साथ शेरनी जरूर नजर आ गई।
उसे वन विभाग के कर्मचारियों ने लाउडस्पीकर, सर्च लाइट और वाहन के हॉर्न का इस्तेमाल कर उसे जंगल की तरफ जाने पर मजबूर कर दिया । महू फारेस्ट के रेंजर वैभव उपाध्याय ने बताया कि शनिवार की रात वह कर्मचारियों के साथ महू की आर्मी कालोनी में तेंदुए को तलाश रहे थे, तभी रात 11 बजकर 30 मिनट पर उन्हें सूचना मिली कि लगभग 8 किलोमीटर दूर बेरछा गांव के आसपास 2 शावकों के साथ शेरनी घूम रही है, जिसके कारण आसपास के गांव के लोग दहशत में हैं। इसके बाद वन कर्मचारियों की टीम ने मौके पर पहुंचकर तलाशी अभियान चलाया। लगभग 1 घंटे की मशक्कत के बाद 12 बजकर 30 मिनट पर शेरनी गांव के बाहर इलाके में 2 शावकों के साथ नजर आई, जिसकी पहचान मादा तेंदुआ के रूप में की गई। इसके बाद वन कर्मचारियों की टीम ने पहले लाउडस्पीकर के जरिए आसपास के गांवों के रहवासियों को अलर्ट किया, फिर लगभग रात 3 बजे मादा तेंदुआ व दोनों शावकों को जंगल की तरफ जाने पर मजबूर कर दिया जब कन्फर्म हो गया कि अब खतरा टल गया है , तो इसके बाद वन विभाग के टीम वापस महू लौट आई।
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