नई दिल्ली । पीएम नरेन्द्र मोदी (PM Narendra Modi) ने हरियाणा के सूरजकुंड में (In Surajkund, Haryana) हो रहे सभी राज्यों के गृह मंत्रियों (Home Ministers of All the States) के चिंतन शिविर में (In the Contemplation Camp) कहा कि हर राज्य (Every State) को एक दूसरे से (From Each Other) सीखना और प्रेरणा लेना चाहिए (Should Learn and Take Inspiration) । बेहतर तालमेल के लिए यह बहुत जरूरी है। संविधान की मूल भावना भी यही है। पीएम मोदी दो दिवसीय चिंतन शिविर के समापन सत्र को संबोधित कर रहे थे ।
प्रधानमंत्री ने चिंतन शिविर को वर्चुअली संबोधित करते हुए कहा कि जब देश का सामर्थ्य बढ़ेगा तो देश के हर नागरिक का भी सामर्थ्य बढ़ेगा। यही सुशासन है। इसमें राज्यों की बहुत बड़ी भूमिका है। उन्होंने कहा, “संविधान में भले कानून और व्यवस्था राज्यों का दायित्व है, लेकिन ये देश की एकता-अखंडता के साथ भी उतने ही जुड़े हुए हैं। हर एक राज्य एक दूसरे से सीखें, एक दूसरे से प्रेरणा लें।”
पीएम मोदी ने कहा, “आजादी का अमृतकाल हमारे सामने हैं। आने वाले 25 वर्ष देश में एक अमृत पीढ़ी के निर्माण के हैं। ये अमृत पीढ़ी ‘पंच प्राणों’ के संकल्पों को धारण करके निर्मित होगी। ये पांच प्रण हैं विकसित भारत का निर्माण, गुलामी की हर सोच से मुक्ति, विरासत पर गर्व, एकता और एकजुटता और नागरिक कर्तव्य। इन पंच प्राणों का महत्व आप सभी भली भांति जानते हैं, समझते हैं। ये एक विराट संकल्प है, जिसको सिर्फ और सिर्फ सबके प्रयास से ही सिद्ध किया जा सकता है।”
इस दौरान पीएम मोदी ने कहा कि सभी राज्यों की पुलिस के लिए ‘वन नेशन, वन यूनिफॉर्म’ लाने के लिए विचार करना चाहिए। उन्होंने कहा कि इस प्रक्रिया में समय लग सकता है, हो सकता है कि इसमें 5, 50 या 100 साल लगें, लेकिन हमें इसपर विचार करना चाहिए। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि इसे थोपना नहीं चाहिए बल्कि इस पर विचार करना चाहिए।
शिविर में प्रधानमंत्री मोदी ने कहा, “कई बार केंद्रीय एजेंसियों को कई राज्यों में एक साथ जांच करनी पड़ती है, दूसरे देशों में भी जाना पड़ता है इसलिए हर राज्य का दायित्व है कि चाहे राज्य की एजेंसी हो, चाहे केंद्र की एजेंसी हो, सभी एजेंसियों को एक-दूसरे को पूरा सहयोग देना चाहिए।” उन्होंने कहा कि सभी देश की बेहतरी के लिए काम करें, ये संविधान की भी भावना है और देशवासियों के प्रति हमारा दायित्व है।
पीएम मोदी ने कहा कि देश के विरोध में जो ताकते खड़ी हो रही हैं, जिस प्रकार हर चीज का उपयोग किया जा रहा है, सामान्य नागरिक की सुरक्षा के लिए, ऐसी किसी भी नकारात्मक शक्तियों के खिलाफ कठोर से कठोर बर्ताव ही हमारी जिम्मेदारी है।
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