इंदौर, विकाससिंह राठौर। देश के सबसे साफ शहर में खाने-पीने की शुद्धता अब भी संतोषजनक नहीं है। लगातार होने वाली कार्रवाई के बाद भी खाने-पीने की चीजों में मिलावट से लेकर अन्य नियमों का उल्लंघन सामने आ रहा है। जनवरी से अब तक 251 दिनों में जिला प्रशासन के निर्देश पर खाद्य औषधि विभाग द्वारा लिए गए खाद्य नमूनों में 131 सैंपल फेल हुए हैं, यानी हर दूसरे दिन एक खाद्य सैंपल फेल हो रहा है। यह खुलासा हाल ही में खाद्य सुरक्षा को लेकर कलेक्टर आशीष सिंह की अध्यक्षता में बनी सलाहकार समिति की बैठक में पेश की गई रिपोर्ट में हुआ है।
रिपोर्ट के मुताबिक 1 जनवरी 2024 से 7 सितंबर 2024 के बीच शहर के अलग-अलग हिस्सों से अलग-अलग खाने-पीने की चीजों के कुल 490 लीगल सैंपल लिए गए। इन्हें जांच के लिए भोपाल स्थित खाद्य प्रयोगशाला भेजा गया, जहां से अब तक 456 नमूनों की रिपोर्ट आ चुकी है और लैब ने इनमें से 79 नमूनों को खाद्य सुरक्षा एवं मानक अधिनियम के नियमों के तहत फेल किया है। इनमें कुछ असुरक्षित, कुछ मिलावटी और कुछ मिथ्याछाप पाए गए हैं।
71 हजार किलो खाद्य सामग्री की गई जब्त
विभाग द्वारा तैयार की गई रिपोर्ट में सामने आया है कि जनवरी से अब तक की गई जांच कार्रवाई में संदेह के आधार पर 71 हजार 534 किलो खाद्य सामग्री जब्त की गई है। इसकी कीमत 74.95 लाख रुपए है। वहीं बड़ी मात्रा में खराब खाद्य सामग्री को नष्ट भी किया गया है।
53 सर्विलेंस सेंपल भी फेल
खाद्य विभाग द्वारा लीगल सैंपल के अलावा निगरानी के लिए सर्विलेंस सैंपल भी कलेक्ट किए जाते हैं। इस अवधि में विभाग द्वारा लिए गए 1990 में से 52 सैंपल जांच में फेल पाए गए हैं। इस तरह 1 जनवरी से 7 सितंबर तक 251 दिनों में कुल 131 खाद्य सैंपल फेल हुए हैं। लीगल सैंपल के मामले में फेल होने का प्रतिशत 17 है और सर्विलेंस सैंपल में 2.6 है। वहीं दोनों को मिलाकर देखें तो 5 प्रतिशत नमूने फेल हुए हैं।
130 प्रकरणों में लगाया 1.14 करोड़ का जुर्माना
विभाग द्वारा फेल सैंपलों के मामलों में जनवरी से अब तक 105 प्रकरण दर्ज करते हुए कोर्ट के सामने प्रस्तुत किए गए हैं। वहीं पूर्व से दर्ज प्रकरणों को भी मिलाकर देखें तो इस साल अब तक 130 प्रकरणों का निराकरण हुआ है, जिनमें आरोपी दोषी पाए गए हैं। इन पर कोर्ट द्वारा 1.14 करोड़ का जुर्माना लगाया गया है, जिसमें से 80.80 लाख का जुर्माना वसूला भी जा चुका है। वहीं जुर्माना जमा न करने पर 12 संस्थानों का लाइसेंस-रजिस्ट्रेशन निलंबित भी किया गया है।
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