भोपाल। मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने सोमवार को उच्च शिक्षा मंत्री डॉ. मोहन यादव के साथ चाय पर चर्चा की। इस दौरान डॉ. यादव ने मुख्यमंत्री को विभाग की योजनाओं के क्रियान्वयन और नई योजनाओं की जानकारी दी। उच्च शिक्षा मंत्री ने बताया कि विश्वविद्यालय और कॉलेज को एक पिछड़ा गांव गोद देने की योजना बनाई गई है। कॉलेज के प्रिंसिपल गांव जाकर सामाजिक कुरीतियां दूर करने में अहम भूमिका निभाएंगे। साथ ही सरकार की योजनाओं का हाल भी जानेंगे। उन्होंने कहा कि पिछड़े गांव में इसके पहले राष्ट्रीय सेवा योजना की इकाइयां आंशिक तौर पर ऐसी सीमित गतिविधियां करती रही हैं। अब समग्र ग्राम विकास को केंद्र में रखकर कार्य किया जाएगा। यह योजना शासन स्तर पर बनाई जाएगी। इसके साथ ही सरकारी योजनाएं पिछड़े और आदिवासी बाहुल्य गांवों के लोगों को मिले, इसके लिए कॉलेज का स्टाफ और छात्र अहम भूमिका निभा सकते हैं। उच्च शिक्षा मंत्री ने बताया कि नई शिक्षा नीति में रोजगार मूलक पशुपालन, कृषि जैसे सब्जैक्ट भी शामिल करने की तैयारी भी है। इसको लेकर मुख्यमंत्री से चर्चा की गई है। इसके साथ ही कोरोना काल में उच्च शिक्षा की व्यवस्थाओं और इस वर्ष आगामी परीक्षाओं को देखते हुए किए जा रहे प्रबंध की भी जानकारी दी।
भोपाल में होगा प्राइवेट कॉलेज सम्मेलन
डॉ. यादव ने बताया कि प्रदेश भर के प्राइवेट कॉलेज का एक सम्मेलन भोपाल में आयोजित किया जाएगा। इसका उद्देश्य यह है कि छात्र-छात्राओं का झुकाव रोजगार मूलक सब्जेक्ट की तरफ लाना है। इस दौरान वे आगामी तीन साल की गतिविधियों के बारे में जानकारी देंगे, ताकि प्रदेश की शिक्षा का स्तर बेहतर बनाया जा सके।
इसी सप्ताह होगी मंत्री समूह की बैठक
नई शिक्षा नीति में मुख्य रूप से फोकस इस बात को लेकर किया गया है कि उच्च शिक्षा में प्लेसमेंट ज्यादा से ज्यादा हो। सरकार की मंशा है कि छात्र-छात्राएं केवल डिग्री लेने के लिए कॉलेज ना जाए, बल्कि उन्हें रोजगार मिले। उन्होंने बताया कि सरकार ने नई शिक्षा नीति के क्रियान्वयन के लिए मंत्री समूह का गठन किया है। इसी सप्ताह इस समूह की बैठक बुलाई जा रही है।
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