इंदौर। नगरीय प्रशासन (urban administration) एवं विकास विभाग ने कॉलोनाइजेशन (colonization) और उससे जुड़े नियमों में जो अभी गजट नोटिफिकेशन (gazette notification) के साथ संशोधन किए हैं उसका लाभ हाउसिंग बोर्ड और इंदौर (Housing Board and Indore) विकास प्राधिकरण को भी मिलेगा। अब इन संस्थाओं को कॉलोनाइजर का लाइसेंस (License) लेने की भी जरूरत नहीं रहेगी। वहीं चूंकि विकास अनुमति के साथ ही भवन अनुज्ञा मिलने का प्रावधान कर दिया है, जिसके चलते सुपर कॉरिडोर (super corridor) से लेकर प्राधिकरण की जो नई 5 टीपीएस योजनाएं अभी लागू की गई हैं, उनमें शामिल 1732 एकड़ जमीनों पर भी विकास और निर्माण कार्य शुरू हो सकेंगे। प्राधिकरण इन पांचों योजनाओं में जितनी भी मास्टर प्लान या अन्य प्रमुख सडक़ें हैं उनका निर्माण जल्द शुरू करवाएगा और जमीन मालिक भी चाहे अनुसार निर्माण कार्य मौके पर कर सकेंगे। प्राधिकरण अध्यक्ष ने मुख्यमंत्री को पत्र लिखकर इन संशोधनों के लिए धन्यवाद भी दिया है।
सुपर कॉरिडोर पर ही प्राधिकरण जहां भूखंड बेच रहा है, लेकिन अभी भवन अनुज्ञा जारी नहीं हो पा रही थी, क्योंकि कई विकास कार्य अभी बाकी हैं। मगर अब नियम संशोधन के चलते विकास के साथ-साथ भूखंडधारक भवन निर्माण भी कर सकेंगे। प्राधिकरण अध्यक्ष जयपालसिंह चावड़ा (Authority Chairman Jaipal Singh Chavda) ने भवन निर्माण की अनुमति में आ रही बाधाओं को दूर करने के चलते अभी जो गजट नोटिफिकेशन जारी हुआ उसको लेकर मुख्यमंत्री शिवराजसिंह चौहान को धन्यवाद पत्र लिखा है। चावड़ा ने इस पत्र में कहा कि इससे घर बनाने के लिए लोगों को अब योजना के विकास पूरा होने तक इंतजार नहीं करना पड़ेगा और प्राधिकरण से आवंटित भूखंड पर तत्काल भवन अनुज्ञा प्राप्त कर वे निर्माण कार्य शुरू कर सकेंगे।
प्राधिकरण ने अभी 1732 एकड़ जमीनों पर 5 टीपीएस योजनाएं शासन अनुमति के बाद क्रियान्वित करने की प्रक्रिया भी शुरू कर दी है। दावे-आपत्तियां पिछले दिनों ले ली गईं, जिनकी सुनवाई के बाद साढ़े 4 माह में प्राधिकरण को निर्णय लेना है। नए लैंड पूलिंग एक्ट के तहत शुरू की गई इन योजनाओं में भी अब नियमों में हुए संशोधन का लाभ प्राधिकरण के साथ-साथ किसानों और अन्य जमीन मालिकों को मिल सकेगा। प्राधिकरण जहां इन योजनाओं में शामिल मास्टर प्लान से लेकर प्रमुख मार्ग और अन्य अंदरूनी मार्गों का निर्माण जल्द शुरू करेगा, वहीं 50 फीसदी जमीन वापस उसके मालिक को लौटाना है।
लिहाजा किसान या जमीन मालिक (farmer or land owner) भी अपनी 50 प्रतिशत जमीन पर निर्माण कार्य शुरू कर सकेंगे। प्राधिकरण अध्यक्ष ने अपने पत्र में मुख्यमंत्री को हर वर्ग के प्रति संवेदनशील और गरीबों के प्रति उदारवादी बताया, जिससे जनता के हित में इस तरह नियमों में बदलाव किए जाते रहे हैं। इस संशोधन से विकास से जुड़ी संस्थाओं की बड़ी समस्या का निदान भी हो गया है और अब विकास व निर्माण साथ-साथ चलेगा।
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