भोपाल। कोरोना संकट की वजह से दुनिया भर में आर्थिक संकट का दौर जारी है। रोजगार का संकट पैदा हो गया है। इस बीच मप्र सरकार की कमाई पर ज्यादा फर्क नहीं पड़ा है। अनलॉक के बाद सरकार की कमाई लक्ष्य के लगभग करीब पहुंच गई है। सिर्फ आबकारी विभाग को छोड़ दिया जाए तो सरकार के अन्य सभी कमाई वाले विभागों की भरपूर आमदनी हो रही है। राजस्व संग्रहण की समीक्षा बैठक में मुख्मयंत्री शिवराज सिंह चौहान ने निर्देश दिए हैं कि कोरोना नियंत्रण के बीच अर्थव्यवस्था को गति प्रदान की जाए। संक्रमण रोकने के लिए शासन अपनी ओर से किसी तरह की बंदिशें न लगाए, इसके लिए जनता को ही आत्मानुशासन के लिए प्रेरित किया जाए। बैठक में विभागवार राजस्व संग्रहण की समीक्षा के दौरान बताया गया कि गत वर्ष की तुलना में इस वर्ष जहां आबकारी आय में कमी होने का अनुमान है। वहीं खनिज आय में वृद्धि अनुमानित है। आबकारी आय में विभाग से 9 हजार 300 करोड़ का अद्यतन अनुमान प्राप्त हुआ है। खनिज आय में बजट अनुमान 4 हजार 982 करोड़ के विरूद्ध 5 हजार करोड़ का अद्यतन अनुमान है। परिवहन आय में 2 हजार 500 करोड़ बजट अनुमान के विरूद्ध 2 हजार 500 करोड़ का ही अद्यतन अनुमान है। इसी प्रकार स्टाम्प एवं पंजीयन में वृद्धि अनुमानित है। इसके अंतर्गत बजट अनुमान 5 हजार करोड़ के विरूद्ध 5 हजार 600 करोड़ का अद्यतन अनुमान है। प्रदेश में वाणिज्यिक कर में सितम्बर माह में गत वर्ष की तुलना में 10 प्रतिशत की वृद्धि दर्ज की गई। इसमें इस वर्ष 17 हजार 763 करोड़ रूपए का अद्यतन अनुमान है। गत वर्ष की तुलना में इस वर्ष वैट में भी वृद्धि अनुमानित है। वैट में बजट अनुमान 11 हजार 715 करोड़ के विरूद्ध इस वर्ष 13 हजार 9 करोड़ का अद्यतन अनुमान है।
गत वर्ष की तुलना में 31 अक्टूबर 2020 तक की स्थिति
बैठक में गत वर्ष की तुलना में इस वर्ष 31 अक्टूबर तक की राजस्व आय की समीक्षा में बताया गया कि इस अवधि तक प्रदेश में वाणिज्य कर का 18 हजार 775 करोड़ का संग्रहण हुआ है, जो गत वर्ष की तुलना में 1.50 प्रतिशत कम है। इसी प्रकार स्टाम्प एवं पंजीयन में 2 हजार 948 करोड़ का संग्रहण हुआ है, जो गत वर्ष की तुलना में 9.72 प्रतिशत कम है। आबकारी में 4 हजार 649 करोड़ करोड़ का संग्रहण हुआ, जो कि गत वर्ष की तुलना 24.87 प्रतिशत कम है। आबकारी को छोड़कर शेष सभी मदों में वर्ष के शेष समय में राजस्व संग्रहण में गत वर्ष की तुलना में वृद्धि अनुमानित है।
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