नई दिल्ली। देश के सबसे बड़े अस्पताल अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (AIIMS) के मेस में जो खाना मिलता है उसकी क्वालिटी पर सवाल खड़े हो रहे हैं। मेस से भारतीय खाद्य सुरक्षा और मानक प्राधिकरण (एफएसएसएआई) द्वारा इकट्ठा किए गए सात सैंपल में से चार कथित तौर पर मानकों के अनुरूप नहीं पाए गए हैं। एफएसएसएआई की आधिकारिक रिपोर्ट में कहा गया है कि चिकन करी, पनीर और चटनी के सैंपल टेस्टिंग में फेल रहे।
एफएसएसएआई की जांच के कुछ दिनों बाद एम्स हॉस्टल के मेस को शिकायतों के आधार पर बंद कर दिया गया था। आपको बता दें कि कैंटीन में के खानों में कीड़े मिलने की शिकायत की गई थी। एम्स प्रशासन ने हॉस्टल नंबर सात में मेस और हॉस्टल नंबर पांच में एक कैफेटेरिया को बंद करने का निर्देश दिया था।
इसके बाद खाद्य सुरक्षा एवं स्वच्छता समिति के सदस्यों, उपयोक्ता संगठनों के कार्यकारी सदस्यों एवं खाद्य सुरक्षा निरीक्षकों द्वारा विभिन्न मेसों का औचक निरीक्षण किया गया। इसके बाद मेस और कैंटीन को 30 अगस्त 2022 से उसे बंद कर दिया गया। एम्स के डॉक्टरों ने अस्पताल के एक मेस के खाने को लेकर सवाल उठाया था।
रेजिडेंट डॉक्टर्स एसोसिएशन ने यह भी दावा किया कि एफएसएसएआई द्वारा निरीक्षण के बाद 10 अगस्त को हॉस्टल मेस को बंद करने का निर्देश देने के बावजूद खआने की गुणवत्ता में कोई सुधार नहीं हुआ और मेस भी फिर से खोल दिया गया।
आपको बता दें कि पिछले हफ्ते पके हुए खाने में कीड़े, खाना जहां बनता है इस हिस्सों में चूहों, प्याज और आलू जैसी सब्जियों में संक्रमण, गंदे बर्तन और खाद्य पदार्थों के पास पड़े कचरे की कई तस्वीरें सोशल मीडिया में वायरल हो गई थी। इसके बाद एफएसएसएआई की टीम ने 25 अगस्त को अस्पताल परिसर का निरीक्षण किया था।
एम्स के आरडीए के एक सदस्य ने कहा, “यह मामला नया नहीं है। कई डॉक्टरों ने मेस में घटिया भोजन की गुणवत्ता का मुद्दा उठाया है। उन्होंने हमें अपने भोजन में तिलचट्टे और कीटों की तस्वीरें भी भेजी हैं। हमने इस मामले को प्रशासन के सामने भी उठाया है लेकिन कोई कार्रवाई नहीं हुई। यह एक बड़ा स्वास्थ्य खतरा है।”
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