इन्दौर (Indore)। हाईकोर्ट (High Court) के निर्देश के बाद पूरे प्रदेश के लगभग 15 हजार से अधिक डाक्टर हड़ताल से वापस लौट आए हैं, लेकिन अब सामूहिक इस्तीफे की तैयारी की जा रही है। एक दिन में ही इंदौर के अस्पतालों में मरीजों की अच्छी खासी फजीहत हुई। प्रशासन की वैकल्पिक व्यवस्था भी चरमरा गई। 250 निजी अस्पतालों के डाक्टरों की तैनाती के बावजूद आधे भी नहीं पहुंचे।
अपनी मांगों को लेकर हड़ताल पर गए डाक्टरों को चाहे हाईकोर्ट के निर्देश के बाद वापस लौटना पड़ा हो, लेकिन उनकी एक दिन की हड़ताल ने ही प्रशासन के निर्देशों की हवा निकाल दी। निजी अस्पतालों के प्रबंधन पर प्रशासन की कितनी चलती है इसका इस बात से खुलासा हुआ कि प्रशासन द्वारा लगाए गए 250 डाक्टरों में से आधे भी अस्पताल नहीं पहुंचे। कलेक्टर, एडीएम से लेकर एसडीएम तक अस्पतालों में नजर आए, लेकिन दो बजे बाद अस्पतालों में स्थिति कंट्रोल से बाहर जाती नजर आई।
देर रात तक भी डाक्टर काम पर वापस नहीं लौटे और कई मरीजों ने छुट्टी कराकर निजी अस्पतालों की राह पकड़ी या परिजन मरीज को घर ले गए। दूरदराज के क्षेत्रों से पहुंचे मरीजों के परिजनों को खासी परेशानी का सामना करना पड़ा। घावों पर मरहम लगाने और पट्टी बांधने के लिए भी स्टाफ नसीब नहीं हुआ। एमवाय अस्पताल के वार्ड नं. 3 में भर्ती मुकेश गंभीर बीमारी से पीडि़त हैं। वहीं बीमारी के चलते उनका एक पैर सडऩे की हालत में है। शाजापुर के निवासी मुकेश के अनुसार मरहम और पट्टी के लिए भी कोई मदद नहीं कर रहा है। दर्द से कराहते हुए खुद मरहम-पट्टी कर रहा हूं। इस तरह के नजारे एमवाय अस्पताल में देर शाम तक देखने को मिले। आधे से ज्यादा मरीज छुट्टी लेकर रवाना हुए।
आकस्मिक चिकित्सा इकाई में सेवाएं ठप
एमवाय परिसर में दुर्घटनाग्रस्त होकर पहुंचने वाले मरीजों को प्लास्टर चढ़ाने और एनेस्थिसिया देने के लिए भी सीएमओ परेशान होते नजर आए। हालांकि एमवाय अधीक्षक पीएस ठाकुर देर रात तक सभी वार्डों का दौरा कर मरीजों का हाल पूछते नजर आए। वहीं आवश्यक सेवाओं के लिए भी निजी अस्पतालों की मदद ली गई।
आज दे सकते हैं सामूहिक इस्तीफा
एक साथ हड़ताल से वापस लौटने के बाद भी डाक्टरों की मांगों को लेकर असंतोष खत्म नहीं हुआ है। आज सुबह से ही अस्पतालों में डाक्टर इलाज के लिए तो वापस लौट आए, लेकिन भोपाल में संघ की चल रही बैठक के बाद सामूहिक इस्तीफा देने की तैयारी की जा रही है। मध्यप्रदेश डाक्टर एसोसिएशन के अध्यक्ष डॉक्टर माधव हसानी के अनुसार दोपहर के बाद प्रत्येक क्षेत्र के अधिकारियों द्वारा बैठक ली जाएगी और सामूहिक इस्तीफे दिए जाने की रणनीति तैयार की जाएगी।
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