इन्दौर। ऑन लाइन ठगी के मामले लगातार बढ़ते जा रहे है। ऐसा नहीं है कि ठगी का शिकार बिना पढ़े लिखे लोग हो रहे है। अब तक डॉक्टर, इंजीनियर और बैक के अधिकारी भी लगातार इसके शिकार हो रहे है। सायबर सेल के पास पिछले दिनों ठगी के शिकार तीन इंजीनियर पहुचे थे। हालांकि पुलिस ने उनके पैसे वापस करवा दिए। देश के साथ शहर में भी सायबर ठगी के मामले लगातार बढ़ रहे है।
इंदौर क्राइम ब्रांच और सायबर सेल के पास रोजाना दस से पंद्रह शिकायतें ऑनलाइन ठगी की पहुंच रही है। पहले बिना पढ़े-लिखे लोग इसका ज्यादा शिकार हो रहे थे, लेकिन अब ऐसा कोई तबका नहीं बचा है जो सायबर ठगी का शिकार हो रहा हो। पुलिस लगातार लोगों को जागरूक करने के लिए अखबारों के माध्यम से एडवाइजरी जारी करती है जो स्कूल-कॉलेज में पहुंचकर छात्रों को जानकारी दे रह है।
एडवाइजरी में कहा जाता है कि एप डाउनलोड न करे, लिंक पर क्लीन न करे, अनजान वीडियो कॉल न उठाए और ओटीपी न बताए, लेकिन इसके बावजूद लोग अपनी निजी जानकारी शेयर करते है और ठगी का शिकार हो जाते है। कल क्राइम ब्रांच ने कस्टमर केयर सर्च करने पर ठगी के शिकार हुए आठ और बैंक अधिकारी बनकर आए फोन पर ठगी का शिकार हुए। 17 लोगों के लाखों रुपए वापस करवाए।
ये वे लोग थे, जो समय रहते पुलिस के पास पहुचे थे। इसके अलावा पिछले दिनों सायबर सेल ने तीन इंजीनियरों के लाखों रुपए वापस करवाए। वहीं आधा दर्जन डॉक्टर ठगी का शिकार हो चुके है। इसके अलावा पुलिसकर्मी और वकील तक सायबर ठगी का शिकार हो रहे है। पुलिस अधिकारियों को कहना है कि शहर में दर्ज होने वाले अपराधों पर नजर डाले तो तीन प्रतिशत मामले सायबर अपराध के सामने आ रहे है। ये वह मामले है जो दर्ज हो रहे है। बाकी के मामलों को पुलिस शिकायत में ही निपटा देती है वरना यह संख्या 50 प्रतिशत हो जाए।
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