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    बिल्ली भी काटने में पीछे नहीं..इस साल अब तक 40 को काटा

  • June 08, 2024

    • शहर में बढ़ रहा बिल्ली पालने का शौक-10 हजार तक में मिल रही हैं पेट दुकानों पर
    • पशु चिकित्सक ने कहा बिल्ली के काटने से होने वाला रैबीज सबसे खतरनाक और जानलेवा

    उज्जैन। शहर में श्वान पालने के अलावा अब बिल्ली पालने का शौक भी लोगों में बढ़ता जा रहा है। इस बात का अंदाजा जिला अस्पताल में एंटी रैबीज वैक्सीन लगवाने पहुँच रहे पीडि़तों के आंकड़ों से हो रहा है। हालात यह हैं कि यहा हर महीने बिल्ली के काटे हुए 12 से 15 पीडि़त इलाज कराने के लिए आते हैं। इनकी संख्या हर साल धीरे-धीरे बढ़ती जा रही है।
    जिला अस्पताल के आंकड़ों पर नजर डाले तो इस साल के बीते पाँच महीनों में करीब 40 लोगों को बिल्लियों ने काटा है। इसमें अधिकांश लोग ऐसे हैं, जो बिल्ली की बाइट या उसके पंजे मारने का शिकार बने हैं। जिला अस्पताल के डॉक्टरों की माने तो उनके पास हॉस्पिटल में हर महीने आवारा श्वान की बाइट मतलब काटने या नोंचने से घायल लगभग 250 पीडि़त एंटी रैबीज की वैक्सीन लगवाने पहुँचते हैं। इसके अलावा कई ऐसे घायल भी होते हैं, जो बन्दर, बिल्ली, घोड़े, चूहे, सूअर के शिकार होते हैं, लेकिन इनमें श्वानों के बाद सबसे ज्यादा संख्या बिल्ली से घायल लोगों की होती है।



    इसलिए पालते है घर में बिल्ली
    बिल्ली पालने के पीछे ऐसी मान्यता है कि जिस घर में यह रहती हैं, यदि वहाँ बच्चों को जन्म देती है तो इस दौरान अगर इसे पालने वाले परिवार को बिल्ली की नाल मिल जाए तो उसके घर में कभी भी धन की कमी नहीं रहती है। इसके अलावा बिल्ली द्वारा बच्चे को जन्म देना घर के मुखिया के लिए अच्छा शगुन माना जाता है। बिल्ली के कारण घर में बुरी आत्माएँ कभी प्रवेश नहीं कर सकती। इसके अलावा ज्यादातर घर-परिवार वाले और दुकानदार चूहों से परेशान होकर भी बिल्ली पालते हैं। जहाँ बिल्ली होती है, उस घर में छिपकली के अलावा बाहरी जीव-जंतु नहीं रह पाते हैं।

    साल 2023 में 7 हजार 192 लोगों को श्वानों ने काटा
    पिछले साल एक जनवरी 2023 से 31 दिसंबर 2023 तक कुल 7 हजार 192 लोगों को श्वानों ने काटा-नोचा हैं, वहीं बिल्ली ने 126 लोगों को अपना शिकार बनाया हैं। उनमें सबसे ज्यादा महिलाएँ, बच्चे और वृद्ध शामिल हैं। अभी भी हर रोज लगभग 15 घायल शासकीय जिला अस्पताल में एंटी रैबीज की वैक्सीन लगवाने पहुँच रहे हैं।

    इनका यह कहना है
    आवारा श्वान ही नहीं यदि किसी को बिल्ली, बन्दर, घोड़ा, चूहा, सूअर या कोई भी जानवर यदि काटता है तो डॉक्टर को तुरंत दिखाएँ और एंटी रैबीज वैक्सीन जरूर लगवाएँ। उन्होंने बताया कि बिल्ली के काटने से होने वाला रैबीज सबसे खतरनाक और जानलेवा होता हैं। इसलिए जो लोग श्वान या बिल्ली पालते हैं, उन्हें अपने पालतू जानवरों को एंटी रैबीज इंजेक्शन जरूर लगवाना चाहिए।
    डॉ. मुकेश जैन, पशु चिकित्सक उज्जैन

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