नई दिल्ली: इंडियन एयरफोर्स करीब 30 एयरबेस को ‘अभेद्य’ बनाने जा रही है. वायुसेना ने ‘सेंसिटिव और हाई-रिस्क’ वाले अपने 30 करीब एयरबेस पर IPSS इंस्टॉल करने की योजना बनाई है. दरअसल, हाल के दिनों में विश्वभर में चल रहे हालातों को देखते हुए IAF ने यह करने का प्लान किया है. खासतौर से फ्रंटलाइन स्टेशन पर नया इंटीग्रेटेड परिमिटर सिक्यॉरिटी सिस्टम (IPSS) जल्द ही पूरी तरह से चालू हो जाएगा.
बता दें कि IPSS एक कम्प्रिहेंसिव मल्टी-सेंसर, मल्टी लेयर्ड, हाइ-टेक सर्विलांस और इंट्रूजन डिटेक्शन सिस्टम (घुसपैठ का पता लगाने वाली प्रणाली) है. बता दें कि कुछ साल पहले जैश-ए-मोहम्मद के आतंकियों ने पठानकोट एयरबेस पर हमला किया था. आतंकियों का इरादा वायुसेना के सिक्योरिटी सेट-अप को भारी नुकसान पहुंचाना था. इस हमले के बाद से पाकिस्तान के साथ देश के संबंध और बिगड़ गए थे.
IPSS इलेक्ट्रॉनिक आंख की तरह है, जो घुसपैठ का पता चलते ही जवाबी उपाय शुरू करने में मदद करेगा. टीग्रेटेड परिमिटर सिक्योरिटी सिस्टम में विभिन्न प्रकार के इलेक्ट्रो-ऑप्टिक, मोशन-डिटेक्शन सेंसर, सर्विलांस और थर्मल कैमरों के साथ एक ‘स्मार्ट परिमिटर फेंस’ शामिल है. इसके साथ एक कमांड और कंट्रोल सेंटर है, जिसे 24 घंटे लाइव विडियो फीड मिलती है, जिससे किसी भी तरह के हमले का तुरंत पता चल जाएगा.
बता दें कि एयरबेस का क्षेत्र काफी बड़ा होता है. इसलिए यह संभव नहीं है कि कोई व्यक्ति इसके हर जगह पर नजर रख सके. ऐसे में IPSS एक बेहतर और प्रभावी उपाय है.
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