• img-fluid

    कोरोना लहर से पहले दिल्‍ली के अस्पतालों में अभी से बेड फुल

    August 12, 2021

    नई दिल्ली । वैश्विक महामारी कोरोना संक्रमण (corona infection) से जिस तरह लोगों के आम जीवन प्रभाव पड़ रहा है यह किसी से छिपा नहीं है। दूसरी लहर में जहां हजारों लोगों की जानें जा चुकी है तो वहीं कई लोग अभी इसकी चपेट में है। दूसरी लहर का अभी असर नहीं शांत हुआ नहीं कि तीसरी लहर को लेकर भी लोग सतर्क हो गए हैं।
    यहां तक कि कोरोना की संभावित तीसरी लहर की आशंका को देखते हुए सभी राज्यों ने बड़े स्‍तर पर आक्‍सीन से लेकर बेड और दवाइयों सहित अन्‍य सामानों को लेकर तैयारी शुरू कर दी है। वहीं देश राजधानी दिल्ली में भी अभी से बेड की संख्या बढ़ाने के साथ ही अन्य प्रयास किए जा रहे हैं, हालांकि राजधानी दिल्ली के सरकारी और निजी अस्पतालों क एक और चुनौती का सामना करना पड़ रहा है। यहां के अधिकांश अस्पतालों में बेड फुल हो चुके हैं, हालांक ये मामले पोस्ट कोविड के हैं।



    यहां न सिर्फ कोरोना संक्रमित बल्कि पोस्ट कोविड और नॉन कोविड मरीज भी भर्ती हो रहे हैं जिसके चलते मरीजों की संख्या काफी तेजी से बढ़ गई है। एम्स सहित सरकारी अस्पतालों की बात करें तो यहां मरीजों के लिए वेटिंग भी काफी बढ़ चुकी है।  राष्‍ट्रीय राजधानी के तमाम बड़े सरकारी और प्राइवेट अस्पतालों में मरीज दिल्ली के बाहरी राज्यों से आ रहे हैं। इनमें से कई मरीज ऐसे भी हैं जिन्हें बार बार लॉकडाउन के चलते उपचार समय पर नहीं मिला और हालत गंभीर होने के चलते अब अस्पतालों में भर्ती करना पड़ा है।
    बता दें कि दिल्‍ली के मैक्स, अपोलो और फोर्टिस सहित बड़े निजी अस्पतालों में आईसीयू बेड भी इनदिनों लगभग फुल चल रहे हैं। आंकड़ों की बात करें तो दिल्ली में करीब 200 अस्पताल हैं जहां बिस्तरों की क्षमता 20 हजार से भी अधिक है। इनमें से 16636 बिस्तर कोविड के लिए आरक्षित हैं जिनमें से दिल्ली सरकार के अनुसार 16325 बिस्तर खाली हैं। जबकि अस्पतालों में 80 फीसदी तक बिस्तरों को भरा बताया जा रहा है। कई अस्पतालों के आईसीयू में 90 से 95 फीसदी तक बिस्तरों पर मरीज भर्ती हैं।
    नई दिल्ली स्थित अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (एम्स) से मिली जानकारी के अनुसार मरीजों की संख्या ज्यादातर सुपर स्पेशलिटी से जुड़े विभागों में है। हार्ट, किडनी, फेफड़े, लिवर और कैंसर इत्यादि के मरीज सबसे अधिक संख्या में भर्ती हैं। एम्स में रोगियों की जांच को लेकर भी लंबी वेटिंग चल रही है। एमआरआई से लेकर बायोप्सी इत्यादि तक के लिए मरीजों को कई दिन तक की तारीख मिल रही है। यहां तक कि ग्लूकोमा मरीजों के लिए भी एक से दो महीने की वेटिंग जांच के लिए दी जा रही है।
    वहीं निजी अस्‍पतालों के डॉक्टरों का कहना है कि भविष्य में जब भी कोरोना की लहर आती है तो दिल्ली के अस्पतालों के लिए यह किसी मुसीबत से कम नहीं होगा, क्योंकि इनके पास मौजूदा बिस्तरों की संख्या उस दौरान कम पड़ सकती है। कुछ अस्पताल अपोलो और मैक्स इसे लेकर नई रणनीति पर काम भी कर रहे हैं ताकि समय रहते बिस्तरों का प्रबंधन किया जा सके। 

    Share:

    अदालत ने लालू यादव का बचाव पत्र किया खारिज, 13 अगस्त से फिर होगी बहस

    Thu Aug 12 , 2021
    रांची। चारा घोटाले मामले (fodder scam case) में राष्ट्रीय जनता दल (Rashtriya Janata Dal) के अध्यक्ष लालू यादव (Lalu Yadav) पर एक बार फिर से कानूनी शिकंजा (legal screws) कसने वाला है। दरअसल बीते बुधवार को सीबीआई (CBI) के विशेष न्यायाधीश एसके शशि (SK Shashi) की बेंच ने लालू प्रसाद यादव समेत 77 आरोपियों की […]
    सम्बंधित ख़बरें
    खरी-खरी
    सोमवार का राशिफल
    मनोरंजन
    अभी-अभी
    Archives

    ©2024 Agnibaan , All Rights Reserved