– पीपीपी मॉडल किया नामंजूर, रेलवे बोर्ड ने डिजाइन में कुछ संशोधनों के साथ दी मंजूरी
– सांसद का दावा… लागत कम होने से सुविधाएं कम नहीं होंगी, तीन माह में शुरू होगा काम
इंदौर, विकाससिंह राठौर।
इंदौर के रेलवे स्टेशन (Railway Station) को दो हजार करोड़ से विकसित किए जाने की योजना मूर्तरूप लेने से पहले ही धराशायी हो गई है। अब रेलवे स्टेशन का विकास दो हजार करोड़ के बजाय 450 करोड़ की लागत से किया जाएगा। वहीं इसे अब पीपीपी मॉडल (PPP Model) के बजाय रेलवे खुद विकसित करेगा। इसके लिए रेलवे बोर्ड (Railway Board) ने बदलाव के बाद मंजूरी दे दी है। विकास और विस्तार कार्य तीन माह में शुरू होने की उम्मीद है।
रेलवे (Railway) द्वारा देश के प्रमुख रेलवे स्टेशनों का आधुनिकीकरण किया जा रहा है। इसी क्रम में कुछ समय पहले भोपाल स्टेशन (Bhopal Station) को विश्वस्तरीय सुविधाओं के साथ शुरू किया गया है। इसके बाद रेलवे बोर्ड ने इंदौर के रेलवे स्टेशन (Railway Stations) को भी विकसित किए जाने की योजना तैयार की थी। अप्रैल में घोषणा की गई थी कि इंदौर रेलवे स्टेशन (Indore Railway Station) को दो हजार करोड़ से तैयार किया जाएगा। यहां यात्रियों को अंतरराष्ट्रीय एयरपोर्ट (International Airport) की तरह सुविधाएं उपलब्ध करवाई जाएंगी, लेकिन रेलवे की ये घोषणा पूरी होने से पहले ही बंद हो गई है। अब रेलवे स्टेशन का विस्तार और विकास तो होगा, लेकिन यह दो हजार करोड़ के बजाय सिर्फ 450 करोड़ की लागत से किया जाएगा। सांसद शंकर लालवानी ने इसकी पुष्टि करते हुए बताया कि अब यह प्रोजेक्ट पीपीपी मॉडल के बजाय रेलवे खुद तैयार करेगा। हालांकि उन्होंने दावा किया कि इससे यात्रियों को मिलने वाली सुविधाओं में कोई कमी नहीं आएगी। स्टेशन के सामने की कुछ प्रस्तावित कमर्शियल गतिविधियों को संभवत: कम किया जाएगा।
माडर्न के बजाय ऐतिहासिक लुक पर बनेगा इंदौर रेलवे स्टेशन
सांसद शंकर लालवानी (MP Shankar Lalwani) ने बताया कि अब जहां रेलवे मंत्रालय खुद ही स्टेशन को नया स्वरूप देगा, वहीं इसके डिजाइन में भी कई परिवर्तन किए जाएंगे। इसे लेकर उनसे सुझाव भी मांगे गए थे, जो उन्होंने रेलवे बोर्ड को भेजे थे। उन्होंने बताया कि पहले इसे एयरपोर्ट की तरह माडर्न लुक पर बनाए जाने की योजना थी, लेकिन अब इसे ऐतिहासिक लुक में बनाया जाएगा, जिसमें इंदौर की ऐतिहासिक छवि नजर आएगी। जल्द ही इसकी डिजाइन मिल जाएगी। इसका काम अगले तीन माह में शुरू होने की उम्मीद है, जो पहले की तरह ही करीब तीन साल में पूरा किया जाएगा।
अब रेलवे खुद बनाएगा स्टेशन, स्थान लीज पर दिए जाएंगे
सांसद ललवानी ने बताया कि रेलवे बोर्ड ने फैसला लिया है कि अब इंदौर रेलवे स्टेशन को रेलवे खुद ही बनाएगा। इस पर करीब 450 करोड़ खर्च किए जाएंगे। लागत में कमी के सवाल पर उन्होंने कहा कि इससे यात्री सुविधाओं में कोई समझौता नहीं किया जाएगा। रेलवे यहां के स्थानों को लीज पर देगा, जहां सुविधाएं विकसित होंगी।
ये योजनाएं भी घोषणा में शामिल
– रेलवे स्टेशन का विकास और विस्तार 66 एकड़ जमीन पर किया जाएगा।
– इसे 50 साल बाद की दृष्टि से 12 हजार यात्री हर घंटे हैंडल करने के स्तर पर बनाया जाएगा।
– चारों प्लेटफाम्र्स पर यात्रियों की सुविधा के लिए एस्केलेटर लगाए जाएंगे। हर प्लेटफार्म पर 1200 से 1500 यात्रियों की बैठक व्यवस्था होगी।
– स्टेशन पर होटल, मॉल, फूड जोन, शॉपिंग एरिया, मल्टीलेवल पार्किंग, वीआईपी लाउंज, एसी वेटिंग रूम सहित कई सुविधाएं होंगी।
– विकास कार्य में रेलवे स्टेशन और सामने रिजर्वेशन ऑफिस और रेलवे कॉलोनी की जमीन तक को लिया जाएगा। बीच की सडक़ यथावत रहेगी और दोनों क्षेत्रों को जोडऩे के लिए पुल बनाया जाएगा।
एयरपोर्ट की तरह रेलवे स्टेशन को भी आधुनिक बनाने की है योजना
रेलवे द्वारा पूरे देश में रेलवे स्टेशनों के विकास पर काम किया जा रहा है। नवंबर में ही प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भोपाल के रानी कमलापति स्टेशन का उद्घाटन किया था। इसे पीपीपी मॉडल पर ही विश्वस्तरीय सुविधाओं के साथ अंतरराष्ट्रीय एयरपोर्ट की तरह बनाया गया है। इसके बाद ही इंदौर में भी ऐसी ही योजना है कि रेलवे स्टेशन पर यात्रियों को एयरपोर्ट की तरह माहौल और सुविधा मिले। बताया जा रहा है इंदौर रेलवे स्टेशन की विस्तार योजना में जो बदलाव किए जा रहे हैं उसके बाद भी यहां यात्री सुविधाओं और आधुनिकीकरण में समझौता नहीं किया जाएगा।
©2024 Agnibaan , All Rights Reserved